

शकील खान रिपोर्टर
मनावर।। जहां एक और प्रशासन के सभी विभाग नियमित रूप से अपने कार्य को करते हुए विभाग में प्रतिदिन सेवा में कर्मचारी उपस्थित होते हैं। वहीं दूसरी ओर मनावर में एक ऐसा विभाग है, जो अपनी मर्जी से चल रहा है। जिसकी ओर कोई ध्यान देने वाला नहीं। मनावर का आबकारी विभाग अगर कहा जाए तो स्वैच्छिक रूप से चलाया जा रहा है। जहां पर आबकारी अधिकारी आपको कभी नहीं मिलेंगे। महीने में एक या दो बार विभाग का दरवाजा खोल दिया जाता है। वह भी किसी को पता नहीं चलता। आसपास के दुकानदारों से जानकारी मिलती है, कि विभाग का दरवाजा कल खुला था या परसों। मनावर में ही काली किराया मार्ग, भिलट पुरा मार्ग, मुक्तिधाम मार्ग, जेल रोड पर, धार रोड बड़े ग्रेड के पास एवं धार रोड दादावाड़ी के आगे खुले रूप से अवैध मदिरा बिक रही है। यहां तक कि नगर के मध्य भी कई जगहों पर अवैध रूप से शराब का व्यापार हो रहा है। जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। आबकारी अधिकारी अगर विभाग पर मौजूद रहें तो ही कार्रवाई होगी। अगर अधिकारी को जानकारी दी भी जाती है। तो भी कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। जिससे यह प्रतीत होता है कि विभाग राम भरोसे ही चल रहा है।
वही विभाग के एएसआई की बात करें, तो जब भी धार या वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों की टीम कोई कार्यवाही को अंजाम देती है। तो मनावर की आबकारी अधिकारी फोटो खिंचवाने के लिए उपस्थित हो जाती है। इसके उपरांत ना ही वह विभाग में दिखाई देती है और ना ही किसी का फोन उठाती हैं। बीते दिनों हुई कार्रवाई में भी कई तरह के संदेहास्पद सामग्री जप्त की गई थी। जिस पर कई तरह के सवालिया निशान खड़े हुए थे, कि माल की जब्ती की इतनी कम मात्रा क्यों बताई गई है। जिस पर उनका कोई जवाब भी नहीं आया और ना ही किसी से उन्होंने चर्चा की। कई दिनों से लगातार संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है। परंतु किसी भी व्यक्ति से उनका संपर्क नहीं हो पाया है। ना ही वह किसी से चर्चा कर रही हैंै। जिससे यह प्रतीत होता है, कि आबकारी अधिकारी अपनी मनमर्जी से विभाग संचालित कर रही हैं और प्रशासन मुक बधिर और आंख बंद करके देख रहा है।
More Stories
आज जानकारी मिली कि नगर का एक परिवार जिसमें माता की पूर्व मृत्यु हो चुकी हे पिता कमल जी मेवाड़ा एक होटल संचालित कर रहे हे
निवाड़ी जिले में कृषि यंत्रों हेतु पंजीयन प्रारंभ, कृषकों के लिए कृषि यंत्रों पर 40 से 50 प्रतिशत तक अनुदान
योगभ्रष्ट साधक उचित लोकों से होते हुए श्रीमान के घर में जन्म लेकर अपना साधना क्रम आगे बढ़ाता है, वैराग्यवान् साधक जो योगमार्ग से भटक गए वे