संतोष परिहार रिपोर्टर


लग्न के पांव थक कर कभी चूर नहीं होते,
राह मंजिलों के उन से कभी दूर नहीं होते,
जिन्होंने कर लिया संकल्प कुछ कर गुजरने का,
उनके लिए कभी खट्टे अंगूर नहीं होते,,,,,,
बस यही जोश और जुनून ने महेश्वर के छोटे से गांव पिपलिया खुर्द के एक होनहार बालक ने अपने ज्ञानार्जन से जोश और जुनून के बल न सिर्फ़ स्कूली शिक्षा वरन उच्च शिक्षा में भी अपने माता पिता, गांव एवं समाज का नाम रोशन किया। जी हां हम बात कर रहे हैं इस छोटे से गांव के किसान *स्वर्गीय श्री बद्रीलाल जी चोयल एवं गेंदा बाई चोयल के सुपुत्र डॉक्टर विजय चोयल* की जिनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा पिपलिया बुजुर्ग में होने के पश्चात उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर बॉम्बे बेस्ड स्टील कंपनी में जॉब मिली लेकिन विजय का रुझान तो शिक्षा की ओर ही रहा मात्र 4 माह में जॉब छोड़ गेट की एग्जाम की तैयारी में लग गया एग्जाम क्लियर कर *IIT इंदौर* में M.Tech में एडमिशन लिया नवंबर 2017 में न केवल M.tech पास किया वरन कॉलेज टॉप किया एवम सिल्वर मेडल हासिल किया। M.Tech करने के बाद वही IIT इंदौर में ही PhD में एडमिशन लिया इंदौर से पीएचडी कॉम्प्लीट करने के बाद IISC बैंगलोर में पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप के लिए चयन हो गया।
बैंगलोर में फेलोशिप पूर्ण करने के बाद आज दिनांक 4 अगस्त को विजय *अमेरिका* के लिए रवाना हुआ जहां पर वह यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना 2 वर्षीय में रिसर्च के लिए जा रहा है। इस बीच सन 2019 में *स्वीडन कॉन्फ्रेंस* में सिरकत कर चुका हैऔर जुलाई 2023 में *सिंगापुर कॉन्फ्रेंस* में शिरकत कर चुका हे
बता दे की विजय के पिताजी का स्वर्गवास 10 जून 2000 को हो गया था माताजी ने मजदूरी व सिलाई करके विजय की शिक्षा जारी रखी आज माताजी मेहनत रंग ला रही है ।
इस अवसर पर उन्हें परिजनों एवं इष्ट मित्रों ने समाज जनों ने खुशी जाहिर करते हुए बधाई प्रेषित उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
संतोष परिहार
तहसील रिपोर्टर बागली
जिला देवास
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