लोकेशन – मैहर
जिले के सरकारी तंत्र को प्रणाम,ऐसे ऐसे गुल खिलाता है ये तंत्र।
आयोजन था स्कूल चले हम के तहत पुस्तक मेला का जो बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के तत्वाधान में किया जाना था,लेकिन सायद बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक इतने विद्यवान नही थे जो आयोजन का संचालन कर सके। कार्यक्रम के संचालन हेतु कन्या स्कूल या यूं कहें कि जीत नगर में पदस्त शिक्षक रामायण द्विवेदी को लाना पड़ा। आश्चर्य देखिए विभाग में बैठे जिम्मेवारो की लापरवाही देखिए जीत नगर में पदस्त शिक्षक रामायण प्रसाद द्विवेदी को डंके की चोट में कन्या स्कूल में अटेचमेंट में रखा गया है जी हजूरी में इतनी ताकत की आज जीत नगर स्कूल के छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया शिर्फ़ जिम्मेवारो के कारण गणित विषय मे मात्र 41 प्रतिशत छात्र ही उत्तरीण हुए बाकी के लटक गए। आखिर एक शिक्षक को सुख सुविधा देने के लिए सैकड़ो बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ जिम्मेवार तंत्र की आंखों के सामने हो गया फिर भी मौन है।
मामले की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में की गई जिसे उप संचालक ने अपने अधिकारों का प्रयोग कर बन्द करा दिया लेकिन निराकरण नही हो पाया। मामले के निराकरण में गोल मोल जबाब की डीओ सतना के निर्देश पर शासकीय काम मे लगाया गया है लेकिन डीओ के आदेश कॉपी किसी के पास नही आखिर क्यों? क्या इस तरह से गोल मोल करके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ जिम्मेवार अधिकारियों के लिए उचित है क्या? इन अधिकारियों के बच्चे भी अगर जीत नगर स्कूल में पड़ते तो क्या ये एक गणित के शिक्षक रामायण प्रसाद को अटेचमेंट में रखते। कब तक लोगो की आंख में धूल झोंकेंगे शिक्षा विभाग के अधिकारी बड़ा सवाल है जिसपर चिंतन आवश्यक है।
मैहर से नीरज परोहा की रिपोर्ट
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