जंग लगी औजार व खराब मशीनों से सजी दन्त चिकित्सक की चेम्बर
मैहर। भगवान का दरबार कहे जाने वाले मैहर सिविल अस्पताल गरीबी रेखा से गुजर रहा है मिली जानकारी अनुसार सिविल अस्पताल मैहर अब जिला अस्पताल होना चाहिए लेकिन डॉ व्ही के गौतम के अनुसार अभी मैहर सिविल अस्पताल को जिला अस्पताल की लिखित तौर पर शासन से नही हुआ है इस कारण अभी सारी व्यवस्था व सुविधाएं सिविल अस्पताल की तरह ही चल रही इस बातों से यह समझ मे आ रहा है कि अब तक कि जो भी मारिजे व डॉक्टर रहे है या दवाइया सिविल अस्पताल की तरह थी तो अब लगभग 10 महीने जिला मैहर घोषित हुए हो गए है आज भी मैहर तरस रहे है जिला अस्पताल बनाने के लिए सिविल अस्पताल को कनवर्ड करने के लिए शासन का पत्र जो अभी तक नही मिला,
ऐसे में अब दूसरा पहलू पर देखते है कि जब सिविल अस्पताल रहता है तो क्या ऐसा कोई नियम है कि दन्त चिकित्सक का इलाज के लिए रखा औजार जंग लगा हो ऐसा तो कही लिखा नही है लेकिन मैहर सिविल अस्पताल में ,,जंग,, लगा रखा है, औजार ऐसे की इलाज हो जाये तो दूसरे बीमारियों से भी ग्रषित हो जाये या दांत हो न रह जाये? जबकि दन्त चिकित्सक दीप्ति सिंह ने बताया कि जब से हम मैहर में पद भार सम्भाले है तब से इसी तरह की जंग लगी समान रखा हुआ है कुछ जरूरी मशीन भी है इलेक्ट्रिक की वह भी खराब पड़ी है इस संबंध में सभी सीनियर डॉक्टरों व अधिकारियो को सूचना दी गई जो आज तक नई सामग्री व मशीन नही बनवाई गई जो भी मारिजे आते है अनुभव द्वारा चेक कर दवाइया देते है और किसी भी दूसरी तरह की बीमारियों की दन्त सुविधा नही दे पाते, ऐसे में कैसे जिला व विकास का सपना पूरा हो पायेगा इस सभी के सपनो पर पानी फेरते है, कही ऐसा तो नही की सिविल अस्पताल के बीएमओ व प्रभारी की प्राइवेट दन्त क्लीनिकों के मालिकों से सेटिंग तो नही की जब सिविल अस्पताल मैहर में इलाज नही मिलेगा तो निजी क्लीनिकों में मारिजे जाएंगे ही यह बहुत ही सोचनीय विषय है?
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