माही विभाग द्वारा लेटर जारी कर अपने कार्य से कि इतिश्री….
प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग के पास नहीं कोई भोपाल से आदेश….
सैकड़ो गांव हो रहे प्रभावित तारखेड़ी जाने का यह मुख्य मार्ग……
जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को सिर्फ चुनावी समय आते हैं ग्रामीण जन याद…..इन मजरो के वोट बैंक से चुनावी मैदान में पड़ता है प्रभाव…..
सरदारपुर से राहुल राठोड़
देश को आजाद हुए करीब 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं और कई ग्रामीण क्षेत्रों में आजादी के बाद आज तक कई सुख सुविधाओं से परिपूर्ण हेतु गांवो तक सुविधाएं पहुंचाई गई है. सरकार द्वारा क्षेत्र में किसानों के व्यापक सुविधाओं हेतु डेम बनाने की योजना को क्रियान्वयन प्रारंभ किया जिससे किसानों को खेती करने में आसानी हो सके। क्षेत्र विकसित हो सके. इसी को मूल रूप से डेम का निर्माण किया गया । डेम का कार्य सन 2010 के लगभग पूर्ण हो चुका था इसके बाद लाबरिया गौशाला से माही मुख्य बांध तक सड़क निर्माण और भी कई सुविधाओं के साथ माही मुख्य बांध को पर्यटकों के लिए संजोने का कार्य किया गया था। परंतु विगत कई दिनों से इस मार्ग की हालत बहुत ही खस्ता हो चुकी है किसी का भी इस और कोई ध्यान नही है ।
माही मुख्य बांध जो की धार जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर स्थित होकर दो जिलों की सीमाओं को जोड़ता है मुख्य बांध पहुंच मार्ग सड़क की हालत दिन प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है जिससे राहगीरों को निकालने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साथी यह मार्ग झाबुआ जिले के प्रसिद्ध तारखेड़ी धाम को भी जाता है जिस वजह से आए दिन इस मार्ग पर से सैकड़ो वाहनों का आवागमन बना रहता है l
जिससे राहगीर परेशान नजर आते हैं और विभागों को कोसते हैं क्योंकि सरकार द्वारा सड़क बिजली और पानी पर बहुत ज्यादा फोकस किया जाता है परंतु यहां के विभागों की खींचतान के चलते इस मार्ग का सुदूर होना अभी तक मुमकिन नहीं हो पाया है .
जल संसाधन विभाग का भी इस और कोई ध्यान नहीं है खानापूर्ति के लिए विभाग अपनी जिम्मेदारियां से पल्ला झाड़ता हुआ दिखाई दे रहा है जल संसाधन द्वारा प्रधानमंत्री सड़क विभाग को एक लेटर जारी कर अपने कार्यों से इति श्री करते हुए नजर आए हैं उन्होंने लेटर जारी कर अपने माथे से जिम्मेदारियां का पल्ला झाड़ है ऐसा प्रतीत होता है लेटर जोकि 18 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग को जारी किया था उसके बाद से आज तक जल संसाधन विभाग द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया है मानो लेटर जारी कर उसने अपना कार्य इतिश्री कर लिया हो। यह मंशा जल संसाधन विभाग की प्रतीत होती नजर आती है। और यह मार्ग आसपास के कई गांवों के मुक्ति धाम हेतु भी रहता है परंतु इस मार्ग का एसी स्थिति में होना कहीं ना कहीं कई प्रश्नों को खड़ा करता है कि आखिरकार इस मार्ग की सुध कोई जिम्मेदार लेने को तैयार क्यों नहीं है!! आखिरकार कब तक इस समस्या से राहगीरो- ग्रामीणजनों को सामना करना पड़ेगा ।
नेताओं को सिर्फ चुनावी समय आते हैं ग्रामीण जन याद..
बात की जाए इस क्षेत्र की तो क्षेत्र अंतर्गत कई मजरा -टोले आते हैं जो कि चुनाव का परिणाम में रुख पलटने की ताकत रखते हैं चुनावी दौर में कई नेता जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र में चुनावी सक्रियता के साथ नजर तो आते हैं परंतु चुनाव होने के बाद इधर की सुध कोई नहीं लेता है उच्च अधिकारियों का भी इस और कोई ध्यान नजर नहीं आता है।
क्या कहते हैं जवाबदार
मुझे यह मामला संज्ञान में है मैंने मुख्यमंत्री जी को पत्र के माध्यम से इस समस्या के बारे में अवगत करा दिया है जनता को जल्द ही समस्या से निजात मिले मेरा प्रयास जारी है।
सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल..
जल संसाधन विभाग का पत्र हमें मिला है परंतु पुराने डामरीकरण पर नया डामरीकरण करना हमारे प्रावधान अंतर्गत योजना में शामिल नहीं है भोपाल से हमारे पास कोई इस संबंध में आदेश नहीं आया है. इसलिए हम इसे अभी करने में असमर्थ है l
टी.एस.कोहली सहायक प्रबंधक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
क्षेत्र वासियों की समस्या के लिए में हमेशा जनता के साथ हू व्यक्तिगत तौर पर जन हितेषी समस्याओं के लिए तत्पर हूं परंतु अभी वर्तमान में विधायक कांग्रेस का है मैं अभी आम आदमी की तरह कार्यकर्ता हूं कांग्रेस के विधायक आगे से फंड लाकर इस कार्य को जल्दी करें. जनता ने कांग्रेस के विधायक को जिताया है यह जनता का काम करे
पूर्व विधायक वेल सिंह भूरिया.
जल संसाधन विभाग के एसडीओ से संपर्क करना चाहां परंतु उनके द्वारा मोबाइल नहीं उठाया गया।।
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