


राम जी के राजतिलक के साथ रामराज की स्थापना हुई गुना – गुना के मानस भवन समिति के तत्वाधान में चल रही श्री रामलीला मंडल के संस्थापक स्वामी श्री तीर्थ राम पचौरी के निर्देशन में श्री बृज बल्लभ लीला संस्थान वृंदावन धाम के कलाकारों द्वारा बहुत ही सुंदर मनमोहक श्री रामलीला का मंजन किया जा रहा है भगवान राम की आज्ञा से वानर सेना ने लंका पर चढ़ाई कर दी तब रावण ने अपने पुत्र मेघनाद को अपनी सेना के साथ वानर सेना पर आक्रमण करने का आदेश दिया मेघनाद वानरों को मारते हुये आगे बढ़ रहा था तब राम से आज्ञा लेकर लक्ष्मण युद्ध करने पहुंचे लक्ष्मण और मेघनाद का भीषण युद्ध हुआ जब मेघनाद के सारे अस्त्र असफल हो गए तो उसने अमोघ शक्ति लक्ष्मण के ऊपर छोड़ दी शक्ति के लगने से लक्ष्मण मूर्छित होकर गिर पड़े लक्ष्मण को मूर्छित देख भगवान राम विलाप करने लगे विभीषण ने बताया इसका उपचार लंका में रहने वाले सुषेन वैध ही कर सकते हैं तब हनुमानजी सुषेन वैध की सलाह से द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर आये और लक्ष्मण जी की मूर्छा दूर हुई ।लक्ष्मण के मुर्छ से जागने का समाचार सुनकर रावण अपने भाई कुम्भकरण को जगाता है कुम्भकरण से भगवान श्री राम का भीषण युद्ध होता है राम के हाथों कुम्भकरण मारा जाता हैं ओर लक्ष्मण के हाथों मेघनाद का वध होता रावण रणभूमि में युद्ध के लिये आता है और राम रावण का महा संग्राम होता है जब राम रावण की नाभि में अग्नि बाण मार कर रावण का वध करते हैं रावण के मरते ही जय जय श्री राम का उदघोष होता है रावण पर विजय प्राप्त कर भगवान श्री राम माता सीता भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या आते है अयोध्या वासी भगवान श्री राम का भाव स्वागत करते हैं और भगवान श्री राम का राजतिलक होता है राजतिलक के साथ रामराज की स्थापना हुई समिति द्वारा कलाकारों का उत्साह वर्धन किया गया
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