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Dharmendra Singh

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सच दिखाने की हिम्मत

सादर प्रकाशनार्थ दिनांक 27/8/2024

आर्य समाज में मना श्री कृष्ण जन्मोत्सव

 

आर्य पुत्र भगवान श्री कृष्ण मानव मात्र के लिए सदाचार, सद विचार के सतत प्रेरणा पुंज हैं।जिन्होंने अपने जीवन में त्रिकाल संध्या,वेद स्वाध्याय, परहित चिंतन,सज्जनों का सरंक्षण, दुष्टों का दमन , मातृ पितृ भक्ति ,सामाजिक समरसता, बंधुत्व प्रेम, समभाव और सम व्यवहार के आदर्श को अपने संपूर्ण जीवन में निर्वहन कर, वैदिक मर्यादाओं और शिक्षाओं के अनुकूल जीवन जीकर वेद आधारित समाज व्यवस्था की रचनाकर धर्म की स्थापना की । राष्ट्रीय चेतना के पुनर्जागरण की अग्रणी क्रांतिकारी, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक संस्था आर्य समाज के संस्थापक महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती ने भगवान श्री कृष्ण को आप्तपुरुष बताते हुए उन्हें सनातन आर्य हिंदू संस्कृति तथा वैदिक धर्म का ध्वजवाहक कहते हुए उनके जीवन को प्रत्येक मनुष्य के लिए अनुकरणीय बताया था । तथा कहा था कि इस महान भरत भूमि आर्यावर्त का पुनुरोदय श्री कृष्ण के आदर्शों का अनुसरण करने से ही होगा । उक्त ओजस्वी विचार आज आर्य समाज मंदिर में आयोजित श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर प्रवचन में संस्कार शिविरों के माध्यम से समाज जागरण के कार्य में अनवरत लगे वैदिक विद्वान पंडित तुलसीदास दुबे द्वारा व्यक्त किए गए । प . दुबे ने इस अवसर पर सभी सनातन धर्मियों से धर्म के नाम पर आडंबर,अंधविश्वास,और पाखंड से दूर रहकर सुदर्शन चक्र धारी योगेश्वर श्री कृष्ण की मातृ पूजा और रासलीला, कथाओं में नाच गान, बड़े बड़े मंदिर निर्माण, रथ यात्रा,भंडारों,में धन,समय और ऊर्जा व्यय करने की अपेक्षा उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को आत्मसात कर धर्म, संस्कृति,राष्ट्र और मानवता के रक्षण हेतु उनकी तरह ही धर्मयोद्धा बनने में लगानी चाहिए ।ताकि विधर्मी आक्रांताओं के हमलों पर प्रचंड प्रहार कर भारत सहित विश्व में अपने परिवार,समाज,देश,धर्म,और अपने संसाधनों की रक्षा करने में सक्षम बन सकें ।इससे पूर्व आर्यसमाज गुना के प्रधान पंडित विष्णु प्रसाद पंचोली ने सभी का चंदन से मंगल तिलक कर भगवा अंगवस्त्र से स्वागत अभिनंदन किया ।कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए आर्य समाज के मंत्री पंडित हरिदत्त शर्मा ने बताया कि आर्यसमाज भगवान श्री कृष्ण को योगेश्वर के सच्चे पराक्रमी योद्धा के स्वरूप को समाज के सामने रखकर उनका जन्मोत्सव मनाता है। जिसमें लोकमंगल ,राष्ट्र समृद्धि तथा भारत के जन-जन में जाति ,बिरादरी,मत,पंथ,धनवान,निर्धन, ऊंच नीच,छोटे बड़े के संकीर्ण विचार से ऊपर उठकर अखंड राष्ट्रभक्ति के भाव जागरण की उत्तम भावना से वेदों में वर्णित रोहिणी नक्षत्र के विशेष मंत्रों से 51 जोड़ों ने पंडित श्रीधर शर्मा के आचार्यत्व में सपत्नीक यज्ञ में आहुतियां दी । यज्ञ के उपरांत शंख ध्वनि,वेद ध्वनि ,के मध्य सुमधुर वाद्य यंत्रों के साथ “श्री कृष्ण की सामूहिक स्तुति के साथ श्री कृष्ण जन्म महोत्सव मनाया गया । वैदिक शान्ति पाठ,सर्वमंगल कामना के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन इंजि.विनयशास्त्री तथा राहुल गोस्वामी ने तथा आभार मनोज सोनी ने व्यक्त किया । यज्ञ के उपरांत सभी ने समरसता प्रसाद ग्रहण किया ।

पंडित हरिदत्त शर्मा
मंत्री
आर्य समाज गुना