केवल अस्पताल की पर्ची बनवाने अस्पताल आई थी कुुसुम वंशकार डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट में नहीं मिले चोट के निशान
कुसुम वंशकार के मेडिकल दस्तावेज बता रहे मामले की सच्चाई
कटनी। जीआरपी थाना कटनी का लगभग 11 महिने पुराना एक तथाकथित वीडियो विगत दिनों किसी षड्यंत्र के तहत जिस तरह से सामने आया था, उसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। इस वीडियो के बाद कांग्रेस ने न केवल अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकी, बल्कि इस बात पर ज्यादा जोर दिया गया कि दलित महिला पर पुलिस ने जोर आजमाईश की, जबकि इस वीडियो में कितनी सच्चाई है, क्या इसमें और कोई एडीटिंग या छेड़छाड़ की गई है, यह जांच का विषय है। लेकिन पूरा फोकस इस बात पर दिया गया कि दलित महिला के साथ जोर आजमाईश की गई। इतनी ज्यादा कि महिला बीमार पड़ गई और कई दिनों तक शासकीय चिकित्सालय कटनी में उसे भर्ती रहना पड़ा और उसका इलाज चलता रहा। लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है, यह सच सामने आया है। यह सब किसी षड्यंत्र और प्लानिंग के तहत किया गया, क्योंकि इस वीडियो में जिस तरह से कुसुम वंशकार और उसके पोते राजदीप वंशकार का सीसीटीवी कैमरे की ओर बार-बार देखना प्रतीत होता है, उससे लगता है कि सब कुछ एक षड्यंत्र और प्लानिंग के तहत किया गया। पुलिस जमीन पर बार-बार डंडा पटक रही थी, ताकि थोड़ा भय पैदा हो और अपराधों के खुलासे में उनसे जानकारी प्राप्त की जा सके।
सामने आई कुसुम वंशकार की मेडिकल रिपोर्ट
जिला चिकित्सालय कटनी की रिपोर्ट बताती है कि कुसुम वंशकार स्वयं 30 अक्टूबर 2023 को शासकीय चिकित्सालय कटनी आई थी। उसका इलाज शासकीय चिकित्सक प्रतीक सिंह ने किया था। जिस तरह से यह तथाकथित वीडियो सोशल मीडिया में घूम रहा है, उसी तरह से यह रिपोर्ट भी सोशल मीडिया में कई दिनों से घूम रही है। कुसुम वंशकार के इलाज शासकीय दस्तावेज साफ बता रहे हैं कि कुसुम वंशकार के साथ डॉक्टर को मारपीट, हड्डी में चोट एवं पुलिस की सख्ती के प्रमाण नहीं मिले। एक नॉर्मल ट्रीटमेंट, जो एक सामान्य व्यक्ति को दिए जाते हैं, वही ट्रीटमेंट डॉक्टर ने कुसुम वंशकार को लिखा। यह सब कुछ शासकीय चिकित्सालय की रिपोर्ट बता रही है। रिपोर्ट के अनुसार कुसुम वंशकार अकेले ही अस्पताल इलाज कराने आई थी, जबकि प्रचारित किया गया कि ज्यादा सख्ती बरती गई। उसका खुलासा और हकीकत यह रिपोर्ट खुद बयां कर रही है। कुसुम वंशकार के साथ कुछ भी सख्ती नहीं बरती गई थी। हालांकि सोशल मीडिया में प्रचारित तथाकथित वीडियो भी जांच का विषय है कि उसमें क्या सच है और क्या नहीं। यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि 30 अक्टूबर 2023 को ही कुसुम वंंशकार डॉक्टर को या अस्पताल के किसी भी कर्मचारी को बिना बताए अस्पताल से चली गई थी।
्रअस्पताल में भर्ती होने के बाद बिना बताए चली गई
डॉक्टर ने कुसुम वंशकार को अस्पताल से छुट्टी दी या फिर वह चिकित्सकों से पूछकर या अस्पताल कर्मियों को बताकर गई थी, ऐसा कोई भी शासकीय दस्तावेज में उल्लेखित नहीं है। इसीलिए 31 अक्टूबर 2023 को कुसुम वंशकार शासकीय चिकित्सालय के बेड पर मौजूद नहीं थी, एब्सेन्ट थी। डॉक्टर ने शासकीय अस्पताल की पर्ची पर इसका जिक्र भी किया है। मतलब साफ था कि वह पूर्ण रूप से स्वस्थ्य थी, इसलिए उसने पूरी योजना के साथ चिकित्सालय में भर्ती होना दर्शाया, लेकिन डॉक्टर ने जब किसी प्रकार की चोट या किसी भी प्रकार के शरीर पर निशान होना या शरीर में किसी प्रकार की बड़ी तकलीफ होना नहीं पाया तो कुसुम वंशकार ने अस्पताल से जाना ही उचित समझा था। दरअसल यह बताना इसलिए भी जरूरी है कि जो दिखता है या षड्यंत्र के तहत अक्सर जो लोग दिखाने का प्रयास करते हैं, वह हमेशा सच नहीं होता। हकीकत कुछ होती है और लोग दिखाने का कुछ प्रयास करते हैं।
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