Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
October 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

हर घर में कनेक्शन सहित नल-जल योजना के शेष काम 31 मार्च तक पूर्ण कराएँ – श्री नरहरि
काम न करने वाले ठेकेदारों का अनुबंध निरस्त कर ब्लैक लिस्ट कराएँ
ग्वालियर 08 जनवरी 2025/ हर घर में नल से जल के लिए कनेक्शन सहित एकल नल-जल योजनाओं के शेष सभी काम हर हाल में 31 मार्च तक पूरे कराएं, जिससे गर्मी के मौसम में इन योजनाओं का लाभ संबंधित गाँवों के निवासियों को मिल सके। नल-जल योजनाओं का काम समय-सीमा में पूरा हो जाए, इसके लिये हर दिन का लक्ष्य निर्धारित करें। यह बात प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री पी नरहरि ने कही। श्री नरहरि बुधवार को यहाँ तानसेन रेसीडेंसी में जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन ग्वालियर परिक्षेत्र की नल-जल योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में ग्वालियर, चंबल एवं सागर संभाग के सभी जिलों की नल-जल योजनाओं की समीक्षा की गई। इन तीनों संभागों में जल जीवन मिशन के तहत सरकार द्वारा 4 हजार 258 करोड़ रूपए से अधिक लागत से 5 हजार 443 नल-जल योजनायें स्वीकृत की गई हैं। इनमें से बहुत सी नल-जल योजनायें पूर्णता की ओर हैं। बैठक में प्रमुख अभियंता (ईएनसी) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री के के सोनगरिया, जल निगम के परियोजना निदेशक श्री एस के अंधवान, मुख्य अभियंता श्री आर एल एस मौर्य,  तीनों संभागों की जिला पंचायतों के सीईओ, पीएचई, के अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री व उप यंत्री, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जनपद पंचायतों के सीईओ सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
प्रमुख सचिव श्री नरहरि ने संभाग की सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो ठेकेदार नल-जल योजनाओं के काम में रुचि नहीं ले रहे हैं, उनका अनुबंध निरस्त करें। साथ ही उन्हें ब्लैक लिस्ट भी कराएँ, जिससे ऐसे ठेकेदारों को कहीं भी काम न मिल पाए। उन्होंने नल-जल योजनाओं के काम में लापरवाही बरत रही कार्य एजेंसी एसएस इंटरप्राइजेज व ठेकेदार दीपक अग्रवाल को ब्लैक लिस्ट करने का प्रस्ताव भोपाल भेजने के निर्देश भी बैठक में दिए।
समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव श्री नरहरि ने जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए कि नल-जल योजना का काम पूरा कराने के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के साथ-साथ मनरेगा, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं अन्य विभागों के कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री व उपयंत्रियों को भी जवाबदेही सौंपें। उन्होंने नल-जल योजनाओं के काम में भिण्ड व मुरैना जिले की प्रगति ठीक न पाए जाने पर नाराजगी जताई। साथ ही निर्देश दिए कि दोनों जिलों में विशेष रणनीति बनाकर नल-जल योजनाओं का काम पूरा कराया जाए। उन्होंने पीएचई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि कहीं काम में दिक्कत हो तो वे अपने जिले के कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ के ध्यान में लाएं।
जल निगम के माध्यम से ग्वालियर-चंबल व सागर संभाग में निर्माणाधीन समूह नल-जल योजनाओं की समीक्षा भी बैठक में की गई। प्रमुख सचिव श्री नरहरि ने ग्वालियर जिले के घाटीगाँव व भितरवार तथा साडा क्षेत्र के समस्यामूलक गाँवों की पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिये मंजूर हुईं समूह नल-जल योजनाओं के काम में तेजी लाने के निर्देश भी बैठक में दिए।
संचालन व संधारण में ग्राम पंचायत व ग्राम सभाओं के अधिकारों का ध्यान रखें
प्रमुख सचिव श्री पी नरहरि ने कहा कि पूर्ण हो चुकी नल-जल योजनाओं के संचालन व संधारण के लिये नीति निर्धारण करते समय ग्राम पंचायत व ग्राम सभाओं के अधिकारों का ध्यान रखें। साथ ही ग्राम पंचायत, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह एवं ग्राम स्तरीय समितियों को मिलाकर एक ऐसा तंत्र विकसित करें, जिससे दीर्घकाल तक नल-जल योजनाओं से हर घर में पेयजल की आपूर्ति होती रहे। साथ ही तकनीकी खराबी से कोई भी नल-जल योजना बंद न रहे।
जनप्रतिनिधियों को भी दिखाएं नल-जल योजनाओं के काम
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव श्री नरहरि ने जोर देकर कहा कि नल – जल योजनाओं में क्षेत्रीय नागरिकों की संतुष्टि सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसलिए निर्माणाधीन नल-जल योजनाओं का काम क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को अवश्य दिखाएं। साथ ही नल-जल योजनाओं का जिन लोगों को लाभ मिलना है, उन्हें भी विश्वास में लेकर काम को आगे बढ़ाएं।
एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के संचालन व संधारण की नीति बनाने को लेकर हुआ मंथन
ग्वालियर-चंबल एवं सागर संभाग की समीक्षा बैठक के बाद एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के संचालन व संधारण की नीति बनाने के लिये कार्यशाला भी आयोजित की गई। इस कार्यशाला में सभी के सुझाव लिए गए। प्रमुख सचिव श्री नरहरि ने कहा कि सभी के विचारों को शामिल कर राज्य स्तर से संचालन व संधारण की नीति को अंतिम रूप दिया जायेगा। इस नीति को अंतिम रूप देने से पहले अन्य राज्यों की पॉलिसी का भी अध्ययन किया जायेगा, जिससे वहां की अच्छी बातें प्रदेश की नीति में शामिल की जा सकें।