सफलता की कहानी
पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों को मिल रहा है नया जीवन
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पन्ना जिले में चिन्हांकित कुपोषित श्रेणी के गरीब परिवारों के नौनिहाल बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से नया जीवन मिल रहा है। कलेक्टर सुरेश कुमार की पहल पर पन्ना जिले को कुपोषणमुक्त बनाने के उद्देश्य से जिले के छः स्थानों में संचालित एनआरसी में कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों के पोषण एवं उपचार की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। इन केन्द्रों में यूनीसेफ एवं राज्य शासन की गाइडलाइन मुताबिक पोषण आहार व उपचार सहित प्रति दिवस की मजदूरी राशि भी महिलाओं को प्रदान की जाती है। जिला मुख्यालय पर जिला चिकित्सालय परिसर में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र पन्ना में उपचाररत एक बच्ची की मां रोशनी नामदेव ने बताया कि बच्ची का जन्म के बाद वजन कम था। यहां भर्ती करने पर बेटी के वजन में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई। साथ ही केन्द्र की फीडिंग डिमांस्टेªटर एवं पोषण प्रशिक्षक रश्मि त्रिपाठी के द्वारा बच्ची के ग्रोथ के बारे में आवश्यक सलाह भी दी गई। नियमित रूप से ड्यूटीरत अन्य स्टॉफ द्वारा भी समय-समय पर आवश्यक जांच कर बेहतर पोषण व उपचार इत्यादि के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान किया गया। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की सरीफा ने बताया कि जन्म के बाद बेटे का वजन बहुत कम होने तथा निर्धारत समय पर बच्चे के स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार नहीं होने पर बच्चे को अतिकुपोषित श्रेणी में चिन्हित कर एनआरसी में उपचार की सलाह दी गई। भर्ती के बाद बच्चे की हालत में बहुत अच्छे से एवं तेजी के साथ सुधार हो रहा है। वजन बढ़ने के साथ ही अन्य क्रियाकलाप भी ठीक है। उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्द्र में साफ-सफाई, भोजन, नाश्ता एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की सराहना की। वर्तमान में जिले में जिला चिकित्सालय सहित अजयगढ़, गुनौर, अमानगंज, पवई और शाहनगर में पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं।
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