कहीं बन न जाए जनता के लिए टेंशन…….
अवैध रेत डंपरो की तेज रफ़्तार,विभाग को बड़े हादसे का इंतजार………..
गत हादसे से अभी भी सबक ले जिम्मेदार,,अन्यथा कोई बड़े पैमाने पर भुगतना होगा अंजाम …….
रेत माफियाओं से साहब को मिल गई इंट्री ,,जनता के लिए बन गई मुसीबत की घंटी……….
राजोद/सरदारपुर
राहुल राठोड़
जान बची लाखों पाये कहावत तो सुनी होगी इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए एक घटना का मामला सामने आया है जो कि धार जिले में सरदारपुर-बदनावर मुख्य मार्ग स्थित संदला-सलवा बस स्टैंड पर एक भयावह हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। अवैध रेत से लदा एक तेज रफ्तार डंपर (MP-69-ZC-8634) अचानक अनियंत्रित होकर संजय छोकर और विष्णु दमानी के रिहायशी घर में जा घुसा और पलट गया। इस भीषण टक्कर में डंपर के चालक और क्लीनर बुरी तरह घायल हो गए, जबकि घर के भीतर मौजूद सदस्यों की जान चमत्कारिक रूप से बच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि डंपर इतनी बेकाबू गति से आ रहा था कि पलक झपकते ही उसने सड़क पर नियंत्रण खो दिया और सीधे बस स्टैंड के पास स्थित घर की दीवार से जा टकराया। टक्कर की तीव्रता इतनी अधिक थी कि घर की दीवार का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। गनीमत रही कि घर के ठीक सामने एक विशाल नीम का पेड़ था, जिसने डंपर की गति को कुछ हद तक धीमा किया और उसे सीधे घर के अंदर घुसने से बचाकर पास की खाई में धकेल दिया। इस दौरान घर की मालकिन, संजय छोकर की माताजी को मामूली खरोंचें आईं, लेकिन कोई गंभीर चोट नहीं आई। ग्रामीणों ने राहत की सांस ली कि हादसे के वक्त घर के अन्य सदस्य और बच्चे, जो अक्सर बाहर बैठते हैं, सुरक्षित रूप से भीतर मौजूद थे, जिससे एक बड़ी जनहानि टल गई।
डंपर के पलटते ही ड्राइवर और क्लीनर केबिन में बुरी तरह फंस गए। हादसे की खबर मिलते ही हजारों की संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और उन्हें बाहर निकालने का प्रयास करने लगे, लेकिन सफलता नहीं मिली। सूचना पाकर राजोद थाना पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने स्थानीय लोगों और बचाव दल की मदद से जेसीबी और पोकलेन मशीनों को बुलवाया। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद, दोनों गंभीर रूप से घायल युवकों को डंपर के मलबे से बाहर निकाला जा सका।
तत्काल 108 एंबुलेंस को बुलाया गया, जिसने दोनों घायलों को सरदारपुर के शासकीय अस्पताल पहुंचाया। बताया जा रहा है कि ड्राइवर की हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों घायल युवक बदनावर तहसील के झीरीपाड़ा गांव के निवासी हैं।
प्रारंभिक जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। डंपर की नंबर नंबर प्लेट जानबूझकर मिट्टी पोती गई थी, जिससे अवैध रेत खनन की उसकी पहचान छिपाना आसान हो सके। उक्त डंपर उज्जैन जिले के बड़नगर का होना बताया जा रहा है अलीराजपुर जिले से रेत भरकर बड़नगर की तरफ अवैध रेत का परिवहन कर रहा था
और इसी अवैध गतिविधि को छिपाने के लिए नंबर प्लेट के साथ छेड़छाड़ की गई थी। बताया जाता है कि डंपर बालू रेट अलीराजपुर तरफ से भरकर बड़नगर की तरफ जा रहा था
हादसे के ठीक बाद मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, लेकिन गनीमत यह रही कि बारिश ड्राइवर और क्लीनर को निकालने के तुरंत बाद शुरू हुई। यदि बचाव कार्य के दौरान बारिश होती, तो स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण और भयावह हो सकती थी। पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया है और अवैध रेत खनन तथा परिवहन के साथ-साथ हादसे के कारणों की गहनता से जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों की माने तो हर किसी के जुबान पर यह बात थी कि रेत माफियाओं को खुला संरक्षण इनके विभाग द्वारा दिया जाता है मानो इन्होंने सड़क पर इसका लाइसेंस ले रखा हो..
रेत माफियाओं से साहब को मिल गई इंट्री ,,जनता के लिए बन गई मुसीबत की घंटी……….
जिस तरह से चोर पुलिस का चोली दामन का साथ जग जाहिर है उसी तरह अवैध रेत माफियाओं का अपने विभाग के अधिकारियों से साठगांठ कर इंट्री देना बात किसी से छुपी नहीं है. आला अधिकारी इंट्री तो ले लेते हैं अपितु हादसों में इसमें जनता की जान का जिम्मेदार कोन होगा य़ह सोचने का विषय है. कीसी बड़े हादसे में कहीं यह जनता के लिए मुसीबत की घंटी ना बन जाए!!
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