गांजा तस्करी की रात, जब कानून ही बन गया सौदेबाज़
मुख्य स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में अलटी पलटी का खेल
70–80 किलो गांजा खुर्द बुर्द का खेल, सत्य घटनाक्रम से प्रेरित काल्पनिक कहानी
कटनी।
रात के करीब चार बज चुके थे। मुख्य रेलवे स्टेशन के जनआहार के पास स्थित सर्कुलेटिंग एरिया में असामान्य हलचल दिखी। इनोवा क्रिस्टा और ट्रेवलर जैसी गाड़ियां एक के बाद एक आकर रुकीं। कुछ ही पलों में इन्ही गाड़ियों में गांजा “अलटी-पलटी” का खेल चला और फिर वे बिना शोर किए अपने-अपने गंतव्य की ओर निकल गईं। बाहर से सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन यहीं से उस रात की रहस्यमयी कहानी का सिरा खुलता है।
उपनगरीय स्टेशन से शुरू हुआ खेल
सूत्रों के मुताबिक इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत उपनगरीय रेलवे स्टेशन से हुई। रात के ठीक तीन बजे ट्रेन रुकती है। ट्रेन से चार युवक उतरते हैं, जिनके पास दो ब्रीफकेस और एक पिट्ठू बैग होता है। चारों युवक तेजी से रेलवे लाइन पार करते हैं और शराब दुकान के पास पहुंचते हैं।
यहां वे ब्रीफकेस और पिट्ठू बैग एक ऑटो में रखते हैं। इसी दौरान मौके पर दो पुलिसकर्मी पहुंचते हैं, जिन्हें गांजा तस्करी को लेकर पहले से इनपुट मिला हुआ था।
जांच हुई, गांजा की पुष्टि भी
पुलिसकर्मियों ने चारों युवकों को रोका और सामान की जांच की। ब्रीफकेस और पिट्ठू बैग खुलते ही गांजा होने की पुष्टि हो गई। यहीं से कानूनी कार्रवाई की उम्मीद थी, लेकिन कहानी ने यहीं पर अलग मोड़ ले लिया।
डर से सौदे तक
सूत्र बताते हैं कि पहले आरोपियों को गिरफ्तारी और केस दर्ज करने का डर दिखाया गया। माहौल ऐसा बनाया गया कि बचने का कोई रास्ता नहीं है। इसके बाद चारों युवकों को थाने ले जाने के बजाय शराब दुकान से कुछ दूर स्थित एक बंद कॉम्प्लेक्स में ले जाया गया, जहां आड़ में बातचीत और कथित सौदेबाजी हुई।
70–80 किलो गांजा और रहस्यमयी खामोशी
इसी दौरान करीब 70 से 80 किलो गांजा बिना किसी जब्ती, पंचनामा या एफआईआर के गायब हो गया। कुछ देर बाद सभी अलग-अलग दिशाओं में निकल गए, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
मुख्य स्टेशन पर अगला सीन
इसके बाद पूरी सेटिंग के साथ सभी मुख्य रेलवे स्टेशन पहुंचे। तब तक रात के चार बज चुके थे। जनआहार के पास सर्कुलेटिंग एरिया में इनोवा, क्रिस्टा और ट्रेवलर गाड़ियों के बीच गांजा “अलटी-पलटी” का खेल चला और कुछ ही देर में गाड़ियां अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गईं।
तीसरे पुलिसकर्मी की एंट्री
कहानी में यहीं तीसरे पुलिसकर्मी की एंट्री होती है, जो इलेक्ट्रिक बाइक से मुख्य स्टेशन पहुंचता है। पहले से शामिल दो पुलिसकर्मी थाने के मोबाइल वाहन में मौजूद रहते हैं।
जब बात ऊपर तक पहुंची
मामले की जानकारी जब आला अधिकारियों तक पहुंची तो महकमे में हड़कंप मच गया। अंदरखाने जांच शुरू कर दी गई है। अब सवाल कई हैं—
गांजा कहां गया?
चारों युवक कौन थे?
और इस पूरे खेल में और कितने चेहरे शामिल हैं?

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