संगीतधानी ग्वालियर 25 दिसम्बर को विख्यात गायक कैलाश खेर की प्रस्तुतियों से गुंजायमान होगी
तबला दिवस एवं ग्वालियर गौरव दिवस के उपलक्ष्य में हो रहा है भव्य आयोजन

ग्वालियर तबला दिवस एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस अर्थात ग्वालियर गौरव दिवस 25 दिसम्बर को संगीतधानी ग्वालियर में भक्ति संगीत, सूफी एवं पार्श्व गायन के क्षेत्र में विश्व विख्यात कलाकार श्री कैलाश खेर की प्रस्तुति होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संस्कृति विभाग के माध्यम से कैलाश खेर की प्रस्तुति की स्वीकृति प्रदान की है।
संगीत की नगरी ग्वालियर में तबला दिवस व ग्वालियर गौरव दिवस पर कैलाश खेर की प्रस्तुति मेला मैदान में बनाए जा रहे भव्य पण्डाल में 25 दिसम्बर को सायंकाल 7 बजे से होगी। कैलाश खेर की गायकी की शैली लोक संगीत से प्रभावित है। उनकी गायकी में सूफी कब्बाली, लोक और भक्ति संगीत का गहरा प्रभाव दिखता है जो श्रोताओं को शांति और आत्म चिंतन की ओर ले जाता है। उन्होंने लगभग 18 भाषाओं में गाने गाए हैं। साथ ही बॉलीवुड की कई फिल्मों में पार्श्व गायन भी किया है। उनकी ख्याति भारतीय संगीत से ओतप्रोत पॉप-रॉक गायक के रूप में भी है।
कैलाश खेर के प्रसिद्ध गानों में “बम लहरी”, “यूं ही चला चल राही”, “तेरी दीवानी”, “अल्लाह के बंदे”, “सांईंया”, “तू जाने न” व “चांद सिफारिश” शामिल हैं।
दीपक गुर्जर की रिपोर्ट

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