(संवाददाता अजय शर्मा खनियाधाना):
सरकार जहां गरीबों को मुफ्त और सस्ता राशन देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं खनियाधाना जनपद की ग्राम पंचायत हषर्रा में राशन वितरण व्यवस्था भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। यहाँ पदस्थ सेल्समैन की मनमानी और दबंगई के चलते ग्रामीण अपने हक के अनाज के लिए तरस रहे हैं।प्रति व्यक्ति 2 किलो राशन की कटौतीग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सेल्समैन द्वारा पात्रता पर्ची के नियमों को ताक पर रखकर राशन बांटा जा रहा है। पर्ची में जितनी मात्रा दर्ज होती है, उससे हर बार 2 किलो अनाज कम दिया जाता है। जब कोई ग्रामीण इसका विरोध करता है, तो सेल्समैन अभद्रता पर उतर आता है।गेहूं मिल रहा, शक्कर गायबभ्रष्टाचार का खेल यहीं नहीं रुकता। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी रिकॉर्ड में शक्कर (चीनी) का आवंटन आ रहा है, लेकिन पिछले कई महीनों से उन्हें शक्कर का एक दाना भी नहीं दिया गया। सेल्समैन केवल गेहूं बांटकर खानापूर्ति कर रहा है। सवाल यह है कि गरीबों के हिस्से की शक्कर आखिर किस बाजार में बेची जा रही है?प्रशासन की चुप्पी पर सवालग्रामीणों के अनुसार, उन्होंने इस संबंध में कई बार स्थानीय स्तर पर शिकायतें की हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए हैं। कार्रवाई न होने से सेल्समैन के हौसले बुलंद हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही प्रशासन ने सुध नहीं ली और सेल्समैन पर कार्रवाई नहीं की, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।मुख्य बिंदु:पात्रता पर्ची से कम राशन तौलने का आरोप।कई महीनों से शक्कर का वितरण पूरी तरह बंद।शिकायत के बाद भी अधिकारियों द्वारा अनदेखी।


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