प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पर नहीं है लेब टेक्नीशियन गांव से आने वाले लोग पैसे देकर प्राइवेट जांच कराने को मजबूर
राजोद- जहां मध्य प्रदेश सरकार एक और सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त करने में लगी है उसके उलट ही सरकारी अस्पतालों की स्थिति देखने लायक अगर बात करें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजोद की तो जी हा अस्पताल पिछले एक डेढ़ वर्षों से बिना लैब टेक्नीशियन के संचालित हो रहा है यह एक विभागीय उदासीनता का बड़ा कारण प्राथमिक केंद्र जो कि एक ग्रामीण इलाके में है इसमें उपचार कराने के लिए आसपास के ग्रामीण लोग आते हैं कई बार उनकी जांच के लिए जांच के लिए लिखा जाता है पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजोद पर लैब टेक्नीशियन नहीं होने के कारण ग्रामीण एवं गरीब जनता को पैसे देकर जांच कराने को मजबूर हैं जहां सरकार की स्वास्थ्य सेवाओ कि पोल खुलती नजर आ रही है देखना यह है की खबर लगने के बाद भी क्या विभाग अपनी उदासीनता से ज्यादातर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजोद लैब टेक्नीशियन भेज कर लोगों की समस्याओं को दूर करेगा या फिर इसी तरह लोग पैसे देकर जांच कराने को मजबूर ही रहेंगेे।
जब इस मामले में शिला मुजाल्दा bmo सरदारपुर
राजोद में नही है लेब टेक्निशियन नहीं तो उनका कहना था कि पूरी तहसील में लेब टेक्नीशियन की कमी है हम लोगो की समस्या को समझते है इस बारे में cmho साहब को अवगत करा चुके है।
राहुल राठोड़ की रिपोर्ट
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