सरदारपुर- कोरोना काल में इस वर्ष जनता कर्फ्यू में बेरोजगार गरीब वर्ग को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने ग्रामीण अंचलों में मनरेगा कार्यों से रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास किया था। लेकिन सरकार कि उक्त योजना को जमकर पलीता लगाकर भ्रष्टाचार किया गया सरदारपुर तहसील मैं इस प्रकार के 14 कार्यों में करीबन जेल रोड से अधिक के कार्य हुए लेकिन जवाबदारो के द्वारा वास्तविक मजदूरों को रोजगार न देखकर अपने लोगों के फर्जी मस्टर भरकर उन्हें लाभ पहुंचाया गया। मनरेगा योजना में उक्त कार्य में आरईएस विभाग के द्वारा पंचायतों के माध्यम से कार्य करवाए गये थे। जिसमें संबंधित पंचायतों के सचिवों के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया। वैसे देखा जाए तो उक्त कार्य में संबंधित पंचायतों के ही मजदूरों की रोजगार उपलब्ध करवाना था। लेकिन सचिवों द्वारा करीब 20 किलोमीटर दुर के मजदूरों को उक्त निमार्ण कार्यों में मजदूरी देना बताया गया । मनरेगा के निर्माण कार्य में 193 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदुरो को भुगतान किया गया जबकि 20 किलोमीटर दूर से मजदूर मजदूरी करने परिवहन के माध्यम से जाएगा तो उसका किराया भी करीब ₹50 से अधिक होगा उक्त निर्माण कार्य का निरीक्षण किया जाकर ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया की काम तो नाम मात्र का किया गया।कहीं पर मरम्मत की गई तो कहीं पर नहीं की गई। वहीं सचिव के द्वारा अपने लोगों की फर्जी हाजिर मस्टर मैं भरकर उन्हें लाभ पहुंचाया गया है एवं मृत व्यक्तियों को भी लाभ पहुंचाया दिया जल्द ही उक्त निर्माण कार्य में किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा मय प्रमाण से किया जाएगा एवं आज भी कई जगह पर आरईएस विभाग के कार्यों में दूर-दूर के लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।
राहुल राठोड़ की रिपोर्ट
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