ज़िक्र-ए-ज़ाकिर में जज़्बा मेम्बर स्वर्गीय ज़ाकिर ख़ान को याद किया

इऱफान अन्सारी उज्जैन
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जज़्बा सोशल फाउंडेशन ने अपने दिवंगत साथी के परिवार को रुपये 5.52 लाख की राशि भेंट की
जज़्बा सोशल फाउंडेशन, उज्जैन के तत्वावधान में मदारशाह हॉल में आयोजित “ज़िक्र-ए-ज़ाकिर, जज़्बा मेंबर मरहूम ज़ाकिर ख़ान की याद में” कार्यक्रम का आयोजन कर अपने दिवंगत साथी को याद किया गया। इस अवसर पर संस्था द्वारा स्कूल के बच्चों को कॉपी- पेन इत्यादि का वितरण किया गया साथ ही कराटे प्रतियोगिता में उज्जैन का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कृत भी किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उज्जैन औद्योगिक विकास सहकारी बैंक के चैयरमेन सनवर पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वर्गीय ज़ाकिर ख़ान एक अच्छे इंसान और ज़िम्मेदार समाजसेवी होने के साथ ही एक सफल प्रबंधक भी थे। औद्योगिक विकास सहकारी बैंक को उनके महाप्रबंधक कार्यकाल के दौरान जो नई ऊँचाईयाँ प्राप्त हुई हैं उन्हें संस्था कभी विस्मृत नहीं कर सकती है। उन्होंने स्वर्गीय ख़ान से जुड़ी कई यादों को ताज़ा करते हुए जज़्बा सोशल फाउंडेशन की भूरि-भूरि प्रंशसा की जो अपने दिवंगत साथी के परिवार के साथ इस मुश्किल घड़ी में भी खड़ा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. शादाब अहमद सिद्दीक़ी, ज़िला आबकारी अधिकारी, झाबुआ ने बताया कि जब उनके साथी स्वर्गीय ज़ाकिर ख़ान कोविड की चपेट में आए थे तब ही से संस्था का हर सदस्य उन्हें हर तरह की सहायता देने के लिए सक्रिय हो गया था। परिवार के साथ ही जज़्बा सदस्यों के द्वारा भी हर संभव प्रयास किया गया लेकिन ख़ान को बचाया न जा सका। सिद्दीक़ी ने बताया कि जज़्बा सोशल फाउंडेशन द्वारा स्वर्गीय ज़ाकिर ख़ान के परिवार को राशि रूपये पाँच लाख बावन हज़ार मात्र बतौर भेंट प्रदान की गई है, साथ ही परिवार के अन्य महत्वपूर्ण दायित्वों का वरण भी किया गया है।
जज़्बा सोशल फाउंडेशन के प्रमुख इंजी. सरफ़राज़ क़ुरैशी ने अपने मित्र ज़ाकिर ख़ान की यादों को ताज़ा करते हुए कहा कि संस्था अपने मित्र को खो देने की क्षति पूर्ति किसी भी ढंग से नहीं कर सकती है। इंजी. क़ुरैशी ने कहा कि ज़ाकिर ख़ान हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनका परिवार संस्था के लिए उतना ही महत्व रखता है और संस्था इस परिवार के सहयोग के लिए हमेशा ही तत्पर रहेगी।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए नईम ख़ान ने अपने दिवंगत मित्र से जुड़े कई संस्मरणों को याद किया। आप ने ख़ान से जुड़े ऐसे किस्से उद्धृत किये कि सभा में उपस्थित समाजजन अपने आँसुओं को न रोक सके।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित मौलाना तैयब साहब ने हदीस की रोशनी में बताया कि किस तरह हमारे बीच न रहे साथी की खूबियों को याद कर के हम ख़ुद में सुधार कर सकते हैं। विशेष अतिथि एडवोकेट ज़ाहिद नूर ख़ान, पूर्व रेलवे कमिश्नर नियाज़ मोहम्मद शेख़, जिला वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सलीम देहलवी, पूर्व पार्षद जफर सिद्दीकी, फ़ैज़ान ख़ान ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
इस अवसर पर स्वर्गीय ज़ाकिर ख़ान के परिवार के सदस्य भी उपस्थित रहे। संस्था द्वारा उनके पुत्र फ़ैज़ी ख़ान की दस्तारबंदी (पगड़ी रस्म) की गई। फ़ैज़ी ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए भविष्य में जज़्बा में उसी रूप में सक्रिय बने रहने की बात कही जैसे उनके पिता रहा करते थे।
जज़्बा सोशल फाउंडेशन के सदस्य इंसाफ़ क़ुरैशी (एडवोकेट), वसीम अब्बास और समीर उल हक़ ने भी संस्था की ओर से ज़ाकिर ख़ान को शब्दाञ्जली अर्पित की। नगर की अन्य संस्थाओं के पदाधिकारी फहीम सिकन्दर, इक़बाल उस्मानी, ज़हीर ख़ान, ज़मीर अब्बास, अशरफ़ पठान आदि ने स्वर्गीय ज़ाकिर ख़ान का स्मरण किया। इस अवसर पर जज़्बा सोशल फाउंडेशन के ज़मीर उल हक, सफ़दर बैग, मुनव्वर बैग, अबुल हसन,मंसूर हुसैन, फरीद अहमद, सबी-उल-हसन, इंजीनियर इसरार शेख, इमरान खान गोल्डन, इंजीनियर अल्ताफ कुरैशी, सिकंदर लाला, इंजीनियर जावेद कुरैशी, असलम पुनजानी,मकसूद सर देवास,तनवीर शेख एड देवास, नवाब भाई फेमस,गुलरेज खान, जफर आलम अंसारी,सादिक खान, आबिद मंसूरी, हारून नागोरी, जावेद हुसैन, अफजल शेख रेलवे, डॉ अनीस शेख़,शाहनवाज़ मंसूरी सी ए,अरशद खान, शफ़ीक़ ख़ान आदि मौजूद रहे। साथ ही सर्वश्री रईस अहमद सिद्दीक़ी पटवारी, हमीद गोहर, ज़िया राना, शाह नवाज़ असीमी, मिर्ज़ा जावेद बैग, शाहनवाज़ मंसूरी, रिज़वान जागीरदार के साथ ही नगर के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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