Chief Editor

Dharmendra Singh

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August 8, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

म.प्र.शासन द्वारा देश के वैश्विक स्तर का सर्वप्रथम मध्यप्रदेश राज्य में 1 नवम्बर 2015 को आपातकालीन सेवा डॉयल 100 प्रारम्भ की गई। मप्र जैसे विशाल राज्य में 1000 एफ.आर.व्ही. वाहनों के माध्यम से शहरी क्षेत्रों के साथ साथ सुदूरवर्ती क्षेत्रों को भी सीधे डॉयल -100 सेवा से जोड़ दिया गया एवं नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति में 100 नंबर डॉयल करने पर तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध कराई गई। इसको प्रदेश स्तर पर व्यापक सहयोग एवं समर्थन प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश की डॉयल 100 सेवा की स्थापना के बाद इसके द्वारा कई मायनों में कीर्तिमान स्थापित करने तथा इसकी सफलता से प्रेरित होकर देश के अन्य राज्यों द्वारा भी इसी तरह की केन्द्रीयकृत डॉयल 100 सेवा को प्रारम्भ किया गया है। डॉयल- 100 सेवा का एक प्रमुख उद्देश्य रिस्पांस टाईम को न्यूनतम करने का है। मध्यप्रदेश की जटिल भौगोलिक परिस्थितियों एवं वाहनों की सीमित संख्या के कारण लगभग 30% फोन कॉल्स मे डॉयल 100 वाहनों के अन्य इवेंट में व्यस्त रहने से कॉलर को सहायता की प्रतीक्षा में रहना पड़ता है। इसके कारण रिस्पांस टाईम प्रभावित होता है। फिर भी सीमित संसाधनो, भौगोलिक क्षेत्र, कॉल्स की अधिक संख्या के उपरांत भी शहरी क्षेत्र में 20 से 25 मिनट एवं ग्रामीण क्षेत्र में 35 से 40 मिनिट औसत रिस्पांस टाईम प्राप्त किया गया है। डायल- 100 सेवा में वाहनों के त्वरित पहुँचने की आवश्यकता को देखते हुए शासन ने योजना के द्वितीय चरण में 1000 FRV वाहनों के स्थान पर उनकी संख्या बढ़ाते हुए 1200 FRV वाहनों की स्वीकृति प्रदान की है एवं चरणबद्ध तरीके से 2000 तक बढ़ाने का प्रावधान रखा गया है। इससे प्रदेश को डॉयल 100 सेवा के रिस्पॉन्स टाईम में काफी कमी आयेगी और शहरी क्षेत्र में 5 मिनट एवं ग्रामीण क्षेत्र में 30 मिनट के लक्ष्य को प्राप्त करने में सुगमता होगी । भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 के बाद सभी प्रकार की मोबाईल फोन में इमरजेंसी कालिंग की सुविधा लागू की गई है जिसमे बटन (की नंबर 5 या 9) दबाने पर या तीन बार पॉवर बटन दबाने पर अथवा मोबाईल शेक करने (हिलाने) पर डायल—100 कॉल सेन्टर में डायरेक्ट कॉल आ जाता है। जिसके कारण आवश्यकता नहीं होने पर भी त्रुटिवश कॉल लग जाते है, इस प्रकार के काल कुल प्राप्त होने वाले कॉल के 60% होते हैं जो ब्लेंक कॉल की श्रेणी में आते है। लगभग 17 से 20 % फोन कॉल जानकारी (इंकवायरी ) प्राप्त करने हेतु 10 से 11% कॉल बच्चों द्वारा या शरारती कॉल होते है। इस प्रकार लगभग 80 % कॉल इसी प्रकार के होते है। शेष 20 % कॉल जिनमे पीडित कॉलर से सत्यापन के बाद इवेंट बनाकर पुलिस सहायता प्रदान की जाती है। डॉयल 100 के -अत्यावश्यक सेवा की प्रकृति के दृष्टिगत नागरिकों से अत्यावश्यक होने पर ही डॉयल 100 सेवा का उपयोग किया जाना वांछित है ताकि जरूरतमंद इस सेवा से वंचित न हो सके। डॉयल 100 कॉल सेन्टर में एक पृथक डेस्क स्थापित है, जो प्राप्त होने वाले ब्लेन्क कॉल मे रेन्डमली कॉल बैक करके पुलिस सहायता की आवश्यकता के बारे में पूछा जाता है, जिसमे अधिकांशतः त्रुटिवश या टेस्टिंग हेतु काल लगाया जाना बताया जाता है। डॉयल 100 का सदैव प्रयास रहता है कि जरूरतमंद कॉलर की पहचान कर तत्काल पुलिस सहायता पहुंचाई जावे। डॉयल 100 कॉल सेन्टर में स्थापित फीडबैक डेस्क द्वारा कॉलर से लिये जाने वाले फीडबैक अनुसार 90% से अधिक संतुष्टि स्तर प्राप्त हो रहा है। योजना के प्रारम्भ होने से लेकर अभी तक डॉयल 100 कॉल सेन्टर में कुल 6.26 करोड़ कॉल्स प्राप्त हुए जिनमें 4.96 करोड़ कॉल्स ब्लैन्क, प्रैन्क, पूछताछ आदि अन्य कारणों से किये गये। 1.30 करोड़ कॉल्स प्रकरणों में इवेट बनाकर पुलिस सहायता उपलब्ध कराई गई तथा 1.26 करोड़ प्रकरणों में FRV वाहन भेजकर कॉलर को पुलिस सहायता उपलब्ध कराई गई है। इस प्रकार 97% इवेंट पर डॉयल 100 FRV वाहन भेजकर पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जाती है। शेष 3% कॉल नॉन FRV इवेंट होते हैं जो कि माइनिंग, पुलिस शिकायत ,सायबर आदि से संबंधित होते हैं।

● डॉयल 100 कॉल सेन्टर में कॉल अटैण्ड औसतन 1.9 सेकण्ड में किया जाता है तथा औसतन 52.7 सेकण्ड में कॉलर से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर ली जाती है।
• प्रति FRV वाहन द्वारा प्रतिदिन औसत 5 -6 कॉल पर मौके पर पहुंचकर पुलिस सहायता पहुंचाई गई।

● पिछले 6 वर्षों में डायल 100 सेवा के माध्यम से महत्वपूर्ण प्रकरणों में पहुँचाई गई सहायता निम्नानुसार है –
● महिला सुरक्षा :- 11.95 लाख
● सड़क दुर्घटना :-7.65 लाख
● अवसादग्रस्त, आत्महत्या :-1.55 लाख
● कोविड-19 :- 1.73 लाख
●गुमशुदा बालक : – 18,190
•वरिष्ठ नागरिक :- 1.08 लाख
• नवजात शिशु :- 967
● डॉयल 100 कॉल सेन्टर में लगभग 300 महिला कॉलटेकर कार्यरत है जो पुलिस एवं जनता के मध्य सेतु काम करती है एवं सहानुभूतिपूर्वक पीड़ित व्यक्ति से बात करने के लिये प्रशिक्षित हैं।

• फोन कॉल आवरली (Hourly) ट्रेंड में पाया गया है कि सबसे अधिक कॉल प्रति घण्टे 1400 से 1600 तक रात्रि 08:00 बजे से 10.:00 बजे तक प्राप्त होते हैं।

●उपयोगिता के दृष्टिगत डॉयल 100 स्टेट कमाण्ड सेन्टर का नवीन भवन बनाया गया है, जिसमे डॉयल 100 एवं सी.सी.टी.वी. के कण्ट्रोल रूम एक ही भवन में रहने से कैमरों के माध्यम से इवेंट की निगरानी की जा सकेगी तथा तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी।

• प्रदेश के नागरिकों के लिये डॉयल 100 सेवा को और अधिक सरल, सुगम्य एवं उपयोगी बनाने हेतु द्वितीय चरण में कई महत्वपूर्ण फीचर्स जोड़े गये हैं :-

● सभी 1200 FRV वाहनों में डेशबोर्ड एवं बॉडीवार्न कैमरे लगाये जा रहे हैं, जिससे पुलिस कार्यवाही में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी।

● महिला एवं वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिये मोबाईल एप बनाया गया है। इससे न केवल कॉलर के लोकेशन की जानकारी बल्कि कॉलर द्वारा बटन दबाने पर 10 सेकण्ड का ऑडियो वीडियो सहित कॉल सेण्टर पर सूचना प्राप्त हो सकेगी।

• इसके अतिरिक्त अग्निशमन वाहनों, एम्बुलेंस, महिला सहायता को भी इस सेवा से जोड़ा जा रहा है, जिससे आगामी समय में डॉयल 100 सेवा विश्वस्तरीय सेवा के रूप में स्थापित हो सकेगी।