
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिनांक 20 May 2022 को 6 DANICS अधिकारियों को लक्षद्वीप प्रशासन में ज्वाइन करने में विफल रहने पर इनके खिलाफ बिना किसी संदर्भ के अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
विदित है कि नवम्बर 2021 में इन अधिकारियों का लक्षद्वीप तैनाती का आदेश निकला था हालाँकि इन अधिकारियो ने स्थानांतरण पॉलिसी का सही से क्रियान्वयन नहीं होने के कारण केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) का रूख किया था परंतु चेयरपर्सन मंजुला दास की अध्यक्षता वाली केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) की पीठ ने फैसला सुनाया कि लक्षद्वीप में स्थानांतरित करने के मंत्रालय के फैसले को चुनौती देने वाले छह दानिक्स अधिकारियों के आवेदनों में कोई योग्यता नहीं थी।
डैनिक्स की ट्रांसफर पालिसी
ट्रान्स्फ़र पॉलिसी के अनुसार सीधी भर्ती वाले अधिकारियों को अपने जीवनकाल में दो बार ( अपनी सेवा के शुरुआत में अंडमान निकोबार एवं लक्षद्वीप में 2 वर्ष या दमन और दीव, दादरा नगर हवेली में न्यूनतम 3 वर्ष काटने होते है उसी तरह अपनी सेवा के अंतिम स्पेल में ॥ आश्चर्यजनक बात ये है की ये सभी अधिकारी अपनी शुरुआती सेवा के न्यूनतम सेवाकाल इन केन्द्रशासित प्रदेशों में पूर्ण कर चुके है ।
कैट में सुनवाई के दौरान एडिशनल सालिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने बेंच का ध्यान डैनिक्स की ट्रांसफर पालिसी के एक क्लाज की ओर दिलाया। इस खंड में कहा गया है कि नीति में कुछ भी शामिल होने के बावजूद, गृह मंत्रालय को प्रशासनिक आधार पर किसी भी समय किसी भी अधिकारी को किसी भी घटक में स्थानांतरित या पोस्ट करने का पूर्ण अधिकार है, यदि यह आवश्यक हो।
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