ब्रजेश पाटिल रिपोर्टर
ग्राम पिपल्या (सिराली) में गंजाल मोरण्ड संघर्ष समिति की बैठक हुई जिसमें 30 गांव के 300 किसानों ने भाग लिया और आगामी पंचायत चुनाव का एक स्वर में बहिष्कार करने का निर्णय लिया सन 1972 से प्रस्तावित ये विशाल परियोजना भ्रस्ट राजनीति के चलते 50 साल के बाद भी चालू नही हो सकी है किसान नेता शैलेन्द्र वर्मा ने कहा कि मेरे दादाजी कहते थे अब अपने खेतों में भी नहर आएगी पिताजी भी यही कहते थे कि अपने खेतों में नहर आएगी आज मैं 50 साल का हो गया हूँ और मैं भी अपने बेटे से यही कह रहा हूँ कि अपने खेतों में भी नहर आएगी और पाइप लाइन से पानी मिलेगा क्या ये भ्रस्ट राजनीति इस सिलसिले को कभी रुकने देगी संघर्ष समिति की बैठक में निर्णय लिया कि अब परियोजना कमांड एरिया के सभी 212 गांव में गंजाल मोरण्ड संघर्ष समिति की ग्राम इकाई 10 जून तक बनाई जाएगी इसके बाद तहसील इकाई फिर जिला इकाई बनाई जाएगी ग्राम इकाई सभी 212 गांव में जा जाकर किसानों को आने वाले पंचायत चुनाव के बहिष्कार करने का संकल्प दिलाएगी ओर गंजाल मोरण्ड परियोजना का उदघाट्न नही तो बोट नही के नारे को बुलंद कर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेगी इसके बाद भी यदि सरकार नही झुकी तो आने वाले विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करने का निर्णय संघर्ष समिति ने लिया है आज की बैठक में निर्णय लिया कि सुरेंद्र गौर ने कहा कि संघर्ष समिति अब जब तक काम करती रहेगी तब तक की परियोजना पूरी तरह से चालू नही हो जाती और अंतिम छोर के किसान के खेत मे पानी नही पहुंच जाता हरीश गंगराड़े ने कहा कि परियोजना की शुरुआत से लेकर अंत तक परियोजना में किसानों के साथ होने वाली सभी समस्याओं के लिए हम लड़ाई लड़ेंगे ओर किसानों को कोई भी परेशानी यदि आती है तो संघर्ष समिति किसानों के साथ खड़ी रहेगी भूरा जी इंग्ले झाड़पा ने बताया कि मैं इसके लिए पिछले 12 सालों से संघर्षरत हुँ लेकिन आज तक न तो कोई किसान इस लड़ाई में शामिल हुआ और न ही किसी नेता ने मेरी बात सुनी लेकिन आज की बैठक में जो निर्णय लिए गए है उसका मैं पूर्णरूप समर्थन करता हूं आज किसानों युवाओं का जोश देखकर अब मुझे लग रहा है कि बहुत जल्द हमारे खेतो में पाइप लाइन से पानी मिलने की उम्मीद है और पानी मिलेगा इसके लिए मैं तन मन और धन से समर्थन करता हूँ राजीव गुर्जर छिरपुरा ने बताया कि आज की बैठक में सर्वसम्मति से बड़ा निर्णय ये लिया गया कि ग्राम छिरपुरा पंचायत से कोई भी किसान किसी भी पद के लिए अपना नामंकन दाखिल नहीं करेगा इसी प्रकार भोलेशंकर टाले सोमगांव ने भी बताया कि उनके गांव सोमगांव से भी सभी पदों के लिये कोई भी नामांकन दाखिल नही किये जायेंगे ग्राम पिपल्या के सभी किसान भाइयों ने भी निर्णय लिया कि हमारे गांव से भी न तो पंच ओर न ही सरपंच के नामंकन पत्र नही भरे जाएंगे बैठक में सभी 30 गांव से आये किसान भाइयों ने निर्णय लिया कि हम सभी संकल्प लेते है कि फार्म उठाने की तारीख 10 जून तक अपने अपने गांव में भी बैठक कर चुनाव में भरे नामंकन पत्र वापस लिए जाए ऐसा प्रयास करेंगे ओर इसके बावजूद यदि कोई नामांकन पत्र वापस नही लेते है तो होने वाले मतदान के दिन तक इस मुहिम को जारी रखेंगे और मतदान का बहिष्कार करेंगे हम घर घर जाएंगे और मतदान में भाग न लेने का सभी मतदाताओ से निवेदन करेंगे अंत मे डेम नही तो बोट नही ,बोट नही , गंजाल मोरण्ड परियोजना का उद्घाटन नही तो पंचायत चुनाव में मतदान नही के जयघोष के साथ बैठक का समापन हुआ


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