ब्यूरो चीफ संतोष प्रजापति
*🇮🇳⚖️हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी :-सहमति से बना यौन संबंध के बाद शादी से इंकार को नहीं माना जाएगा रेप*_
_*📌हाइकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है! उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि दो लोगों के बीच सहमति से बने संबंध रेप की कैटेगरी में नहीं आते! इसे आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप नहीं माना जा सकता! अगर सहमति धोखे से या जबरदस्ती ली गई थी तो ही आरोपी के खिलाफ बलात्कार माना जा सकता है!*_
_शुक्रवार को केरल हाईकोर्ट के जस्टिस बेचु कुरियन की बेंच ने पेशे से 29 वर्षीय वकील और याचिकाकर्ता नवनीत एननाथ की याचिका पर सुनवाई के बाद ये फैसला दिया! नवनीत एननाथ को 23 जून को आईपीसी की धारा 376 (2) (n) और 313 के तहत गिरफ्तार किया गया था!नवनीत पर आरोप था कि चार साल तक उन्होंने एक महिला वकील को शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप किया और शादी किसी और से कर ली! जब महिला को इसकी जानकारी मिली तो वह नाथ की मंगेतर से होटल में मिलने पहुंची! कथित तौर पर महिला ने नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की!_
_अब इस मामले में केरल हाईकोर्ट के जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने नवनीत एन नाथ को जमानत देते हुए कहा कि भले ही दो लोगों के बीच सहमति से बने यौन संबंध विवाह में परिवर्तित नहीं होते हैं, फिर भी यह बलात्कार के अंदर नहीं आएंगे,बाद में शादी करने से इंकार करना या रिश्ते को शादी में ले जाने में विफलता ऐसे कारक नहीं हैं जो बलात्कार के श्रेणी में आते हों,भले ही साथी शारीरिक संबंध में शामिल हो. केरल हाईकोर्ट ने कहा कि किसी की सहमति या इच्छा के बिना या बल प्रयोग से किया गया सेक्स ही बलात्कार की श्रेणी में आएगा! यहां पर अहम सवाल यह भी है कि क्या सेक्स के बाद शादी करने से इंकार करना बलात्कार है! इस पर अदालत ने आगे स्पष्ट किया कि जब वादा खराब विश्वास में दिया गया हो या सेक्स धोखाधड़ी से किया गया है या इसे बनाते समय वादा पालन करने का इरादा नहीं था,तभी ये बलात्कार की श्रेणी में आएगा!_

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