ब्यूरो न्यूज़ 24×7 इंडिया ग्वालियर
*मतदाताओं तक पर्ची नहीं पहुंचने की जांच सीईओ जिला पंचायत के हवाले,नगरीय निकाय चुनाव में कम मतदान के पीछे मतदाताओं तक पर्ची नहीं पहुंचने का कारण माना जा रहा है*
ग्वालियर। नगरीय निकाय चुनाव में कम मतदान के पीछे मतदाताओं तक पर्ची नहीं पहुंचने का कारण माना जा रहा है। इसके चलते शासन नाराज है, वहीं प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने यह जिम्मेदारी जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी को सौंपी है।
नगर निगम चुनाव में मतदान प्रतिशत 49.3 प्रतिशत रहा था। मतदान कम होने का कारण लोगों के घरों तक मतदान पर्ची नहीं पहुंचना माना जा रहा है। वहीं प्रशासन भी मान रहा है कि बीएलओ तक पर्चियां पहुंचने के बाद भी उन्होंने इन्हें मतदाताओं तक नहीं पहुंचाया। इसके साथ ही मतदाता सूची में भी काफी गड़बडी हुई थी। जिसके कारण हजारों की तादाद में मतदाताओं के नाम लिस्ट से गायब हो गए थे। साथ ही एक ही परिवार के लोगों के वार्ड तक बदल दिए गए थे। इसके कारण मतदान केंद्र तक पहुंचने के बाद भी मतदाता अपने मतों का उपयोग नहीं कर सका। मतदान वाले दिन गड़बडियां सामने आने के बाद ही भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशन ने ट्विट कर प्रशासन से इस पर जवाब भी मांगा था।
15 दिन पहले बीएलओ को दीं पर्चियां, लेकिन नहीं बांटीः पूर्व के चुनावों में पर्चियां बांटने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी जाती थी, लेकिन इस बार यह जिम्मेदारी नगर निगम के कर संग्रहकों को सौंप दी। इसके साथ ही उन्हें 15 दिन पहले यह पर्चियां भी दें दीं, लेकिन कर संग्रहकों ने यह पर्चियां नहीं बांटी। इसके कारण मतदान का प्रतिशत काफी कम रहा।
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