छिन्दवाडा जिले के तामिया विकासखण्ड के ग्राम डोंगरा की महिलाओं ने
पातालकोट चिरौंजी को दिलाई नई पहचान
ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर तामिया के ग्राम डोंगरा
की महिलाये कर रही हैं चिरौजी प्रंस्करण यूनिट का संचालन
छिन्दवाड़ा/ 20 मार्च 2021/ म.प्र. डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रदेश की महिलाओं को सशक्त और आत्म निर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। छिन्दवाडा जिले में भी कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन व मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह नागेश के निर्देशन और ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला स्तरीय टीम के सहयोग से जिले की ग्रामीण महिलाएं भी समूहों से जुडकर सशक्त और आत्मनिर्भर हो रही हैं। इसी कड़ी में आदिवासी बाहुल्य तामिया विकासखण्ड की महिलाओं ने भी नवाचार करते हुये स्वयं को तो सशक्त बनाया ही हैं, तामिया की प्रसिध्द वनोपज चिरौंजी को पातालकोट चिरौंजी के नाम से एक नई पहचान भी दिलाई है। यह सब ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों के निर्देशन, मार्गदर्शन से ही संभव हो पाया है और आज ये महिलायें चिरौंजी प्रसंस्करण यूनिट के माध्यम से चिरौंजी की पैकेजिंग और विक्रय कर अच्छा लाभ कमा रही हैं। तामिया में चिरौंजी प्रसंस्करण यूनिट के सफल संचालन के बाद ग्रामीण आजीविका मिशन से जुडकर अमरवाडा के विकासखण्ड के ग्राम सोनपुर की महिलायें भी चिरौजी प्रसंस्करण का कार्य कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो रही हैं, जिससे जिले की उपज को एक नई पहचान भी मिली है और सही दाम भी मिल पा रहे हैं। पातालकोट चिरौंजी आर्डर पर जिले के स्थानीय बाजार के साथ ही भोपाल और गुजरात में भी सप्लाई की जा रही है । जिले की उपज को नई पहचान मिलने की खुशी इन महिलाओं में स्पष्ट देखी जा सकती है।
जिला प्रबंधक कृषि श्री संजय कुमार डेहरिया ने बताया कि पहले समूह की महिलायें वनों और अपने खेतों से प्रतिवर्ष चिरौंजी की गुठली एकत्रित कर बिचौलियों को कम दाम में बेच देती थीं। इससे उन्हें तो कम लाभ होता था, लेकिन बिचौलिये दोगुना लाभ कमाते थे । इस बारे में जब ग्राम पंचायत कुमडी के अंतर्गत ग्राम डोंगरा के सीता आजीविका ग्राम संगठन में चर्चा हुई तो संगठन द्वारा 2019 में निर्णय लिया गया कि ग्राम संगठन चिरौंजी प्रसंस्करण की इकाई स्थापित कर गुठली एकत्रित करेगा और उससे चिरौंजी बनाकर पातालकोट चिरौंजी के नाम से पैंकिग कर बाजार में बेचेगा । जिसके बाद तामिया के 30 ग्रामों में स्व-सहायता समूह के द्वारा गुठली 100 से 180 रुपये किलो की दर से खरीदी गई। इससे बाजार भाव में तेजी आ गई और व्यापारी 230 रुपये किलो तक खरीदी करने लगे, जिससे समूह की महिलाओं को प्रति वर्ष की तुलना में इस वर्ष 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ज्यादा दाम प्राप्त हुये ।
ग्राम संगठन की अध्यक्ष श्रीमती श्याम कली कुडोपा ने बताया कि सीता आजीविका ग्राम संगठन ग्राम डोंगरा द्वारा मई 2020 में प्रसंस्करण और ग्रेडिंग मशीन 1.71 लाख रुपये में क्रय कर लगाई गई। प्रंस्करण यूनिट की स्थापना ग्राम संगठन के चार समूहों के माध्यम से ग्राम डोंगरा में की गई और गुठली से चिरौंजी निकालने का कार्य प्रारंभ किया गया जो लगातार जारी है। इसमें करीब 110 किलोग्राम चिरौंजी एक लाख तीस हजार रुपये में बेची गई। इससे ग्राम संगठन को 30 हजार रूपये का शुध्द लाभ प्राप्त हुआ। यह कार्य निरंतर जारी है। समूह की महिलाओं द्वारा किए जा रहे इस नवचार की सर्वत्र सराहना हो रही है, इसका श्रेय ये महिलाऐ जिला प्रशासन और ग्रामीण आजीविका मिशन की पूरी टीम को देती है। साथ ही अन्य महिलाओं को भी समूह से जुडकर आत्मनिर्भर होने के लिये प्रेरित कर रही हैं। इस कार्य को करने के बाद महिलाओं का आर्थिक एवं सामजिक स्तर में बदलाव आया है। चिरौंजी प्रसंस्करण इकाई का सफल क्रियांवयन को देखते हुये इस वर्ष तामिया में समस्त ग्रामों गुठली एकत्रित कराने की योजना बनाई जा रही है और चिरौंजी यूनिट की संख्या बढाई जायेगी।
More Stories
स्लग:विकसित भारत का अमृतकाल – सेवा, सुशासन एवं गरीब कल्याण के 11 वर्ष” पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी, भाजपा मण्डल उमरेठ के तत्वावधान में विशेष सम्मेलन का आयोजन/
मंडल अध्यक्ष श्री राकेश बेलवंशी का जन्म दिन उमरेठ में अटल चौंक पर कार्यकर्ताओं द्वारा मनाया गया
लोकसभा सांसद बंटी विवेक साहू का दिखा सरल व्यवहार