बुद्ध नाथ चोहान रिपोर्टर

*उमरेठ -ईश्वर की भक्ति के लिए समर्पित भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि को उमरेठ तहसील क्षेत्र के कन्हरगांव पटपड़ा चारगांव तिनसई सहित विभिन्न ग्रामों में माताओं ने हलषष्ठी व्रत संतान को बुरी बलाओं से बचाने तथा लंबी उम्र प्रदान करने वाला यह पावन व्रत बुधवार को रखा गया हलषष्ठी के दिन प्रातः महुआ की दातुन से दांत साफ करके महिलाओं ने सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लिया इस दिन माताओं ने निर्जला व्रत रखा इसके बाद घर के आंगन में मिट्टी का छोटा तालाब बनाकर उसमें झरबेरी, पलाश की टहनी और कांस की डाल को बांधकर भैंस का दूध शुद्ध जल,चना गेहूं,जौ धान मक्का ज्वार की लाई और महुआ के फुल के साथ हलषष्ठी देवी की पूजन किया इसके पश्चात हलषष्ठी की कथा पढ़कर सुनाई यह व्रत हल पष्टि माता के व्रत को विधिवत पूजन किया गया बसई के चावल चढ़ाया जाता है अपनी सनातन पुत्र की रक्षा एवं लंबी आयु की कामना के लिए और सुख सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी पावन तिथि पर भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था बलराम का प्रधान अस्त्र हल है इसलिए इसे हलषष्ठी कहा जाता है मान्यता है कि इस व्रत को पूरे विधि विधान से करने पर संतान से जुड़ी बड़ी से बड़ी बलाएं दूर हो जाती हैं और घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है*
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