*कंधों पर खाट उठाकर गांव के लोग मरीज को अस्पताल पहुंचाते हैं*
छतरपुर जिले के बड़ामलहरा के रानीखेरा गांव से एक मरीज को खाट पर लिटाकर, कंधों पर खाट को उठाकर गांव के लोग अस्पताल पहुंचाने के लिए बरसाती नाला पार कराते नजर आ रहे हैं। दरअसल इस बडे़ नाले पर पुल नहीं है। बारिश में यदि कोई मरीज बीमार हो जाए तो उसे मजबूरी में गांव के लोग ऐसे ही अस्पताल पहुंचाते हैं। बता दें कि यह इलाका पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के गृह क्षेत्र के अधीन आता हैं।

मप्र के बुंदेलखंड को यूं ही पिछड़ा इलाका नहीं कहा जाता। बारिश के दौरान यहां के पिछड़ेपन की तस्वीरें खुद सबकुछ बयां करती हैं। छतरपुर जिले के बड़ामलहरा के रानीखेरा गांव से एक मरीज को खाट पर लिटाकर, कंधों पर खाट को उठाकर गांव के लोग अस्पताल पहुंचाने के लिए बरसाती नाला पार कराते नजर आ रहे हैं। दरअसल इस बडे़ नाले पर पुल नहीं है। बारिश में यदि कोई मरीज बीमार हो जाए तो उसे मजबूरी में गांव के लोग ऐसे ही अस्पताल पहुंचाते हैं। बता दें कि यह इलाका पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के गृह क्षेत्र के अधीन आता हैं। बडे़-बडे़ मंत्री और नेता यहां का प्रदेश और देश की सरकारों में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

मप्र के छतरपुर जिले के अधीन आने वाले बड़ामलहरा बड़ा मलहरा जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत सूरजपुरा के रानीखेरा गांव का एक वीडियो और तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं। इनमें रानीखेरा के कुछ ग्रामीण एक मरीज को खाट पर लिटाकर नाला पार कराकर अस्पताल ले जाते दिख रहे हैं। अस्पताल के लिए जाने के लिए ग्रामीणों को बड़ा नाला पार करके दूसरी तरफ जाना होता है। रानीखेरा गांव में सड़कें भी नहीं हैं। बारिश में कीचड़ और दलदल से भरी सड़कों से निकलकर मरीज को खाट पर लिटाकर नाला पार कराना पडता है। यहां यह हालात कोई पहली दफा नहीं बने हैं, बारिश में हमेशा ही इस तरह से मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की मजबूरी है।

ग्रामीण संजय यादव ने बतया कि आजादी के 75 साल बाद भी हमारे गांव में विकास का इंतजार किया जा रहा है। हमारे रानीखेरा गांव में सड़क और नदी पर पुल नहीं बना है। गांव में जब भी कोई व्यक्ति गंभीर बीमार होता है या गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाना पड़ता है तो समस्या खड़ी हो जाती है। कभी खाट तो कभी कुर्सी का सहारा लेना पड़ता है। कंधों पर ही नाला पार कराते हैं। सभी गांव वाले एक-दूसरे परिवार की मदद करते हैं। किसी के घर भी ऐसी स्थिति बन सकती है। गांव में मूलभूत सुविधाओ का भी अभाव है।

मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती रही हैं। जब वे प्रदेश की सीएम बनी थी, तब इसी विधानसभा से जीतकर आई थीं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल , केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक, सांसद व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा के संसदीय ़क्षे़त्र यहां से सटे हुए हैं, बावजूद इसके यहां के गांव आज भी सड़क और पुल के लिए तरस रहे हैं। बीते दिनों बीडी शर्मा के संसदीय क्षे़त्र पन्ना के एक गांव से कुर्सी पर प्रसूता को नदी पार कराने और सागर के सुरखी इलाके से गोविंद सिंह राजपूत के इलाके में खाट पर मरीज को अस्पताल पहुंचाने के मामले सामने आ चुके हैं।
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