सरिता पटीदार रिपोर्टर



परम पूजनीय, यज्ञाचार्य एवं ब्राह्मण के शुभचिंतक कहे जाने वाले परम श्रद्धेय श्री श्री 1008 श्री गजानन जी महाराज ,श्री अंबिका आश्रम, श्री धाम बालीपुर के परम शिष्य श्री योगेश जी महाराज द्वारा धरमपुरी, धामनोद ,महेश्वर, मंडलेश्वर, बड़वाह एवम् सनावद में धार्मिक यात्रा प्रारंभ की।ब्राह्मणों को संध्या वंदन ,हनुमान चालीसा, दुर्गा सप्तशती ,स्तोत्र ,पाठ आदि को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए गये।कार्यक्रम का मुल उद्देश्य ब्राह्मण को ब्राह्मणत्व का ध्यान आकर्षित करवाना है।
धार्मिक शिक्षा कार्यक्रम के तहत ब्राह्मणी महिला एवं पुरुषों को संध्या पूजन ,गायत्री जाप, हनुमान चालीसा ,दुर्गा सप्तशती पाठ और ध्यान के सम्बंध मे प्रवचन दिए गए। श्री सुधाकर जी महाराज की परिकल्पना के अनुसार ब्राह्मणो के उत्थान के लिए गुरुकुल की स्थापना की जाना जरूरी है।। संस्कृति से संस्कार उत्पन्न होंगे। इस परिपेक्ष्य मे ब्राह्मणो को मुख्यधारा में जोड़कर उनके आगे का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए ।
प्राचीन काल में ब्रह्मा विद्या सबसे ऊंची विद्या थी।विश्वामित्र क्षत्रिय होते हुए भी अपनी तपस्या के कारण ब्राह्मण बने ।
प्रत्येक सनातनी हिंदुओं को संस्कृत पढ़ना चाहिए ।आध्यात्मिकता को पुनः स्थान प्राप्त होना तथा जीवन की उस आर्य पद्धति को पुनः स्थापित करना चाहिए।
रविंद्र शर्मा, योगेश पांडे ,बंटी महाराज, कुबेर जोशी, आदेश,पालक एवम् ब्राह्मण महिलाऐ उपस्थित थी। उक्त जानकारी सद्गुरु सेवा समिति जगदीश चंद पाटीदार ने दी है।
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