बाला प्रसाद साहू रिपोर्टर

मैहर । जनपद पंचायतों में स्थाई समितियों का गठन आज विधिवत स्थानीय प्रशासन के मार्गदर्शन निर्देशन में संपन्न हुआ है। इस बार जनपद पंचायत में 8-8 स्थाई समितियां बनी है। पहले सात समितियां होती थी,नवंबर 2020 में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने परिपत्र जारी करते हुए जैव विविधता प्रबंधन समिति बनाने का निर्णय लिया था। मैहर जनपद पंचायत में पहली बार जैव विविधता प्रबंधन समिति का गठन हूआ जिसमें जनपद पंचायत वार्ड क्रमांक 10 से नवनिर्वाचित जनपद सदस्या श्रीमती प्रिया प्रभात द्विवेदी (दद्दा) को सर्वसम्मति से सभापति निर्वाचित किया गया। पहली बार जैव विविधता प्रबंधन समिति की सभापति श्रीमती प्रिया प्रभात द्विवेदी को बनाए जाने पर स्थानीय स्तर पर लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्रीमती द्विवेदी को बधाई दी है अपने उत्तरदायित्व के प्रति हमेशा सजग रहने वाली श्रीमती द्विवेदी जैव विविधता प्रबंधन समिति के सभापति के माध्यम से उपायुक्त एवं विकासोमुखी सार्थक परिणाम जनपद पंचायत मे देने में सक्षम होगी
जैव विविधता अधिनियम, 2002 के अनुसार, पूरे देश में स्थानीय निकायों को जैव विविधता प्रबंधन समितियाँ गठित करनी हैं. इन समितियों का उद्देश्य जैव विविधता का संरक्षण एवं सतत उपयोग को बढ़ावा देना तथा उसका अभिलेखीकरण करना होता है
श्रीमती द्विवेदी ने सभी जनपद सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा जैव विविधता नियम 2002 बनाया गया है। इसके द्वारा संग्राहकों को लाभांश प्रदान करने की प्रति व्यक्ति नियमों के अंतर्गत प्रावधानित किया गया है, नियमों के अंतर्गत लाकर संग्रहण विपणन कर स्थानीय संग्राहकों को लाभांश दिया जाएगा। किसी भी इलाके में पाई जाने वाली जीवित अथवा मृत वनस्पति विभिन्न पेड़- पौधे, फूल, पत्ते, कंद- मूल, औषधि पौधे, वन्य प्राणी, खाद्य फसल धान, गेहूं, मक्का, जौ, तिल व अन्य स्थानीय फसलें जैव विविधता के अंतर्गत आते हैं। इनका संग्रहण कर ग्रामीणों के द्वारा हाट- बाजार में बेचा जाता है जिसके कारण ग्रामीणों को बहुत कम लाभ मिल पाता है, जबकि इनसे उत्पाद बनाने वाली कंपनियां अधिक मुनाफा कमाती हैं। इसी कारण जैव विविधता प्रबंधन समिति के द्वारा उन कंपनियों से लाभांश प्राप्त कर ग्रामीणों के हित में उपयोग किया जाएगा। जनपद का अपना जैव विविधता रजिस्टर होगा। साथ ही जनपद स्तर पर जैव विविधता प्लान तैयार किया जाएगा।
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