बुद्ध नाथ चौहान रिपोर्टर


परासिया / छिंदवाड़ा जिले से 20 किलोमीटर की दूरी एवं उमरेड से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उमरेठ तहसील की ग्राम पंचायत मानकादेही कलां के अंतर्गत वन विभाग की वादियों में स्थित छिंदवाड़ा जिले के प्राचीन गोमुख मंदिर में प्रतिवर्ष लगने वाला गोमुख मेला नवंबर माह की कार्तिक पूर्णिमा से 15 दिन तक लगेगा और यहां की नदी जलधारा में गो के मुख से जल की धारा बहती है गोमुख मंदिर प्रांगण में यह मेला बड़ा ही भव्य लगता है यह ग्राम पंचायत मानकादेहीकला के मध्य वन क्षेत्र की वादियों में स्थित है गोमुख मंदिर प्राकृतिक व सौंदर्य के साथ प्राचीन प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है मंदिर में भगवान शिव,पार्वती गणे शकार्तिकेय महावीर स्वामी, कालभैरव वीरभद्र चित्रसेनआदि भगवान विराजमान है यह शिव मंदिर के समीप गोमुख आकार की सिला है जिसके बीच से जलधारा निरंतर एक छोटे झरने के रूप में गिरती रहती है, यह गोमुख मेला कई वर्षों से लगता आ रहा है यहां पर श्रद्धालुओं भक्त जनों का आस्था केंद्र बना हुआ है यहां के जल से कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण यहां की जल से स्नान करने व भगवान शिव जी का जलाभिषेक कर पूजन करने से मनोकामना पूर्ण होती है गोमुख मेला आयोजन के दौरान धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियों निरंतर चलती रहती है प्रारंभ के गोमुख मेले मे दस दिन तक बहुत भीड़ रहती है पश्चात भीड़ धीरे-धीरे कम होने लगती है। यह गोमुख मेला में बहुत अधिक संख्या में दुकानें लगाई जाती है जिसमें आभूषण एवं बर्तनों से लेकर घरेलू सामग्री व सौंदर्य प्रसाधन सामग्री की दुकानें होती है गोमुख मेला समिति व स्थानीय वन सुरक्षा समिति व पुलिस विभाग गोमुख मेला की समस्त व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से सुव्यवस्थित संचालित करती है। गोमुख मेला एवं यह स्थल पिकनिक व पर्यटन की दृष्टि से एक अच्छा स्थल और जिले ही नहीं अन्य जिलों से भी लोग इस धार्मिक स्थल गोमुख मंदिर पर आते है
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