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August 8, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

भगवान भरोसे शिक्षा…बच्चों के गणवेश की राशि भी अभी तक नहीं मिली,व्यवस्था चौपट…सात माह बाद भी नहीं मिली राशि, स्कूलों को मरम्मत का इंतजार,वेतन से कर रहे भुगतान

स्थान मध्य प्रदेश लोकेशन रायसेन

नरेन्द्र राय ब्यूरो चीफ

एंकर रायसेन।सरकारी स्कूलों की दयनीय हालत को बयां करती स्कूल की यह बिल्डिंग।सूत्रों के हवाला अनुसार शालाओं की आकस्मिक राशि नही मिलने से शालाओं में आवश्यक कार्यों छात्रवृति के लिए फाइल अपडेशन, फोटो कॉपी,शौचालय की एवम प्रांगण की सफाई, स्टेशनरी आदि कार्य शिक्षको द्वारा अपने वेतन की राशि से ही करना पड़ रहा है। विभाग ने हाल ही में कक्षा-एक के छात्रों के जाति प्रमाण पत्र बनवाने की जवाबदारी भी शिक्षकों को दे दी है। जिसमें प्रत्येक छात्र पर लगभग 40 रुपए का व्यय हो रहा है ।क्योंकि जाति प्रमाण पत्र का 17 पेज का आवेदन विभाग ने उपलब्ध नहीं कराया और न ही विभाग ने इस व्यय की पूर्ति के लिए कोई राशि दी।कोई दिशा निर्देश भी नहीं दिए ऐसी स्थिति में शिक्षक दबाव में पैसा लगाकर जाति प्रमाण पत्र बनवाने में लगे हैं। कुछ समझदार पालक तो राशि दे देते हैं ।किंतु कुछ पालक पैसा मांगने की शिकायत करने की धमकी देते हैं।
इनका कहना है…..
इस राशि के लिए हमने उच्च स्तर पर पत्राचार किया है।जैसे ही राशि मिलेगी, वैसे ही स्कूलों को आवंटित कर दी जाएगी।एसके उपाध्याय डीपीसी रायसेन
जिला शिक्षा विभाग ,जिला शिक्षा केंद्र रायसेन के अफसरों के मनमाने रवैये के चलते शैक्षणिक सत्र शुरू हुए सात माह से अधिक समय हो गया है।लेकिन अभी तक जिले की एक भी शैक्षणिक संस्था यानी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को अभी तक कंटीजेंसी राशि नहीं मिली है।इस राशि के अभाव में विद्यालय की सफाई-पुताई, मरम्मत कार्य आदि कैसे हों। इसका जवाब किसी भी अधिकारी के पास नहीं हैं।
सूत्रों ने बताया कि हर विद्यालय को मरम्मत, सफाई-पुताई, टूट फुट मरम्मत, कंम्प्यूटर कार्य आदि के लिए शाला प्रबंध समिति को छात्रों की संख्या के आधार पर निर्धारित राशि दी जाती है। रायसेन जिले में सत्र समाप्ति की और है अभी तक यह राशि किसी भी संस्था को नहीं मिली है। शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से उस राशि का मद के अनुसार व्यय किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि यही नहीं विगत वित्तीय सत्र 2021-22 में शालाओं में विगत सत्रों की शेष राशि भी जिला परियोजना समन्वयक के आदेश से वापस जमा करा ली गई है। विद्यालयों में व्यय के लिए राशि के अभाव में शासन की योजनाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। आसपास की खोज, विज्ञान की गतिविधियां, खेलों में पुरस्कार आदि की गतिविधियां राशि के अभाव में प्रभावित हो रही हैं। विशेष रूप में अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में प्रधान अध्यापकों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण शिक्षक अधिक प्रभावित….
शालाओं के पूर्व के खाते का टाइटल बदलवाने के लिए शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष को गांव से किराया लगा कर लाने छोड़ने एवं भोजन पर ग्रामीण शिक्षकों को अधिक आर्थिक परेशानी आ रही है।
आज तक नहीं मिली गणवेश राशि…..
कई स्कूलों के स्टाफ के अनुसार गणवेश राशि भी पूर्व में सत्र के प्रारंभ में मिल जाने से छात्रों को गणवेश वितरण योजना का लाभ समय पर मिल जाता था ।किंतु सत्र के 6 माह बीतने के बाद भी सत्र 2021-22 की राशि अभी प्राप्त हुई हैं। चालू सत्र की गणवेश राशि अभी तक नहीं मिल पाई है। इस कारण स्कूल के छात्र रंगबिरंगे कपड़ों में स्कूल आ रहे हैं।विभाग के अधिकारी एम राजा ने बताया कि रायसेन जिले में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चों को दो जोड़ी यूनिफॉर्म वितरित होना है।