Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
June 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

बुद्ध नाथ चौहान रिपोर्टर

छिंदवाड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सांसद नकुलनाथ के निर्देश पर आशा ऊषा संगठन की अध्यक्ष उर्मिला भादे के नेतृत्व में शुरू हुए धरने को जिला कांग्रेस अध्यक्ष आदरणीय विश्वनाथ ओक्टेजी निगम सभापति प्रमोद शर्माजी के साथ संबोधित किया। धरने में जिले भर की हजारों आशा ऊषा सहयोगिनी कार्यकर्ता शामिल हुईं जिन्होंने धरने के बाद रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।
मप्र आउटसोर्स अस्थाई एवं संविदा कर्मचारी कांग्रेस के सहयोग से शुरू हुए धरने में बोलते हुए वासुदेव शर्मा ने कहा कि मप्र में न्यूनतम वेतन का कानून मौजूद है हर 6 महीने में इसे जारी भी किया जाता है कलेक्टर दर के नाम से इसे हर कोई जानता है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि खुद सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन को सरकार ही लागू नहीं कर रही, सरकारी योजनाओं में काम करने वाली महिला कामगारों को न्यूनतम वेतन देना तो दूर उनसे 2 हजार जैसे तुच्छ से वेतन पर काम कराने की परंपरा सरकार ने शुरू कर दी है इसे सामंतों जमींदारों की तरह मुफ्त में काम कराना भी कह सकते हैं आशा कार्यकर्ताओं मध्यान्ह भोजन कर्मियों के साथ ऐसा ही हो रहा है जिन्हें काम करने के बदले 2 हजार रूपए महीना दिया जाता है यह महिला कर्मचारी हैं जो महिलाओं तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाती हैं और स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में बच्चों को खाना पकाकर खिलाती हैं यह इनके साथ अन्याय है जिसे संघर्ष के जरिए ही समाप्त कराया जा सकता है।
इस समय सरकारी विभागों में काम करने वाली हर कर्मचारी आंदोलन में हैं, स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी हडताल पर हां, 6 जनवरी से बिजली विभाग के आउटसोर्स, संविदा कर्मचारी हडताल पर जाने वाले हैं, ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी मोर्चा भी अपने सवालों को निरंतर उठा रहा है इन सभी की दो ही मांगे हैं नौकरियों में सुरक्षा यानि नियमितीकरण और न्यूनतम वेतन 21 हजार रूपए देना। न्यूनतम वेतन का संघर्ष मप्र में शुरू हो चुका है इसे और अधिक संगठित कर निर्णायक संघर्ष में बदलने की जरूरत है, यह तभी संभव है जब न्यूनतम वेतन से वंचित कर्मचारी एकसाथ आकर आवाज उठाएं ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स, अस्थाई, ठेका एवं संविदा कर्मचारी संयुक्त मोर्चा कर्मचारियों की एकता बनाकर एक साथ लाने का काम कर रहा हा, हालांकि यह कठिन काम है , लेकिन किसी को तो यह काम करना ही होगा, जिसे शुरू किया जा चुका है, आप लोग भी साथ आएं और न्यूनतम वेतन के संघर्ष में शामिल उसे ताकत दें तभी हमारे साथ हो रहा आर्थिक अन्याय समाप्त होगा।