वर्तमान परिपेक्ष्य योग ही आवश्यक हे: श्री जैन
योग के माध्यम से बहुत आसानी से शारीरिक ब व्यक्तिव विकास कर सकते हे:श्री जैन
मोहन शर्मा रिपोटेर



गुना स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन शा. माडल उ. मा. वि.गुना में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भाजपा जिला मिडिया प्रभारी विकास जैन नखराली, विधालय प्राचार्य आशीष टांटिया, उप प्राचार्य यशवंत सिंह धाकड़, योग शिक्षक सहित विधालय के 175 से अधिक छात्र- छात्राओं ने सूर्य नमस्कार में हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त जिले भर में आज सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों व छात्रावासों में भी किया गया। आयोजन में हजारों की संख्या में छात्र छात्राओं द्वारा उपस्थित होकर सूर्य नमस्कार, व योगासन क्रिया कर स्वामी विवेकानंद जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ आरंभ किया गया। तत्पश्चात राष्ट्रीय गान व मध्यप्रदेश गान के साथ आकाशवाणी के माध्यम के मान.मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी संदेश प्रसारण किया गया।
‘युवा दिवस’ के अवसर पर आयोजित सामूहिक सूर्य-नमस्कार कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विकास जैन ने कहा कि पहला सुख निरोगी काया, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें नियमित योग करना आवश्यक हे। आज स्वामी जी की जयंती हे हम सभी उनको प्रणाम करते हुए आगे बड़े और उनके बताएं हुए मार्ग पर चलकर आगे बढ़ने का संकल्प लें। स्वामी ने संदेश दिया हे की उठो, जागो और जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए तब रूको मत,
वर्तमान परिपेक्ष्य योग ही आवश्यक हे: श्री जैन
श्री जैन ने कहा की पहले की अपेक्षा आज योग की बहुत आवश्यकता हे। पहले पर्यावरण, बतावरण, खान पान, रहन सहन आदि सभी आज की अपेक्षा साफ सुधरा ब प्राकृतिक था। परंतु आज वर्तमान परिपेक्ष्य में यह सब दूषित हो गया। हमारा वातावरण, प्रदूषित पर्यावरण, फास्ट फूड एवं डिब्बा बंद भोज्य पदार्थ, विटामिन और प्रोटीन रहित खान पान, बदलता परिपेश और विकृत मानसिकता ने हमारे संपूर्ण स्वास्थ को प्रभावित किया है। और इससे बचने का एक मात्र उपाय योग हे। योग अपनाकर हम हमारे शरीर की पाचन क्रिया को मजबूत बना सकते हे। जैसे अपच, गैस, अरुचि,अजीर्ण,कब्ज आदि पर विजय प्राप्त कर सकते हे। हम योग के द्वारा बीपी, मधुमेय, ह्रदय रोग आदि घातक विमारियों से भी लड़ सकते हे। योग हमें शारीरिक संपन्नता के साथ साथ मानसिक शक्ति भी प्रदान करता हे। और हमें मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती हे। विधार्थियो को योग बहुत आवश्यक हे। आप सभी योग के माध्यम से बहुत आसानी से शारीरिक ब व्यक्तिव विकास कर सकते हे। पढ़ाई के समय योग निद्रा एवं ध्यान के माध्यम से हम अपनी स्मरण शक्ति और बौद्धिक क्षमता को बड़ा सकते हे। उक्त कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र शर्मा ने किया व आभार उप प्राचार्य श्री धाकड़ ने माना।
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