महेंद्र चौहान रिपोर्टर






वैसे तो विश्व में सबसे पवित्र व सात्विक कहां जाने वाला समाज लगभग जैन समाज ही है।जिसके स्मरण मात्र से व्यक्ति के जीवन में कभी भी किसी तरीके की कोई ऐसी विपदा नहीं रहती जो कि मानव जीवन के लिए दिक्कत हो।ठीक उसी का स्मरण करने के पश्चात आज जापान से आए 10से12 की संख्या महिला व बालक जोकि भारत भ्रमण पर निकले हैं वह सभी लोग आज तारानगर में पहुंचे है जिसमें तुलसी बेन जो कि थोड़ी बहोत हिंदी जानती है। जापान से आई तुलसी बेन ने बताया कि हम लोग भारत भ्रमण पर निकले हैं ।हम भारत के अलग अलग क्षेत्रों में जैन समाज के पर्यटक स्थल, मंदिरों व जैन ऋषि मुनियों के दर्शन करने के लिए आए हैं। हमने लक्ष्मणि(अलीराजपुर), तालनपुर(कुक्षी), और मोहनखेड़ा के बाद पारानगर,(मध्य प्रदेश) में दर्शन करने के लिए आए हैं। आगे शंखेश्वर धाम, पिप्राल(गुजरात) गुरु दर्शन कर गुरुजी के आदेश अनुसार आगे का रास्ता तय करेंगे। सबसे रोचक बात यह है कि सन् 2004 में अपने परिवार के साथ जापान से भारत भ्रमण पर आए परिवार में भ्रमण के दौरान मोहनखेड़ा घूमने आई करीबन 14साल की नन्ही सी परी जोकि एक जापानी लड़की थी। जोकि मोहनखेड़ा में जैन समाज के सम्राट कहे जाने वाले महाराज श्री जयंत सेन सूरी गुरु जी के प्रवचन सुनकर इतनी प्रभावित हुई की उसने सम्राट जयंत सेन सुरी महाराज जी के पथ चिन्हों पर चलने के लिए जैन धर्म अपना लिया।ऐसी है जैन धर्म की गुरुवाणी, और आज जापान में भी तुलसी बेन के जैन धर्म अपनाने से प्रभावित होकर लगभग 3000 लोग भी जैन धर्म अपना चुके हैं।जिसमें 500 के लगभग ऐसे भी लोग है जिन्होंने रात्रि भोजन करना तक बन्द कर दिया है। शुद्ध सात्विक भोजन और विचार रखने लगे है।पारा नगर में शाम को सूर्य अस्त होने से पूर्व का भोजन श्री सुभाष जी काकरिया के घर पर किया। तत्पश्चात गुरु दर्शन करने के लिए सभी जापानी दर्शनार्थियों ने पारा में स्थित जैन मंदिर पर जाकर जैन समाज के भगवान व गुरुजिओ के दर्शन किए। उसके बाद पारा नगर के जैन समाज के सभी लोगों से भेंट की, एवं अपने बारे में जानकारी दी जानकारी देने के बाद पारानगर के जैन समाज द्वारा जापान से पधारे सभी जैन दर्शनार्थियों को माला पहना कर एवं उपहार भेंट कर श्रीमती मीना कांठेड़, श्रीमती रानी भंडारी, श्रीमती स्वीटी पगारिया, आयुषी काकरिया, श्रीमती सपना भंवर लाल जी कोठारी, श्रीमती विला भंडारी, सुरेश जी कोठारी प्रकाश जी तलेसरा, प्रकाश जी छाजेड़, धनराज मल जी बोहरा, महेंद्र जी बोहरा, सुभाष जी काकरिया, रिंकू जी छाजेड़, पलाश जी कोठारी, अर्पित जी कांठेड़, पंकज जी भंडारी, मोनू जी कोठारी, अमित जी नाहटा, आकाश जी काकरिया, मुकेश जी पगारिया, अंतिम जी भंडारी, राकेश जी पगारिया विनीत जी नाहटा, आदि अनेकों जैन धर्मीयो ने विदाई दी।
कैमरा मेन चेतन देवड़ा
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