किरण रांका रिपोर्टर

आष्टा/ हमें गर्व हैं कि महान चक्रवर्ती सम्राट राजा अशोक कुशवाह जाति से संबद्ध रखते थे। महाराजा अशोक ने भारत की सांस्कृतिक एकता एवं विरासत को संजोकर रखा। वे भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट रहे। सम्राट अशोक एक कुशल प्रशासक के साथ ही संस्कृति के पोषक थे। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णुता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे। हम सभी समाजजन् कोे महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक के प्रेरणादायी जीवन एवं देश की सांस्कृतिक विरासत का संजोये रखे यह उनके प्रति सच्ची श्रृदांजली होगी, उक्त आशय के उद्गार कुशवाह समाज के जिला अध्यक्ष नरेन्द्र कुशवाह ने आष्टा में महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में स्थानीय कुशवाह समाज की धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम
भगवान लवकुश एवं महाराजा अशोक के चित्र के समक्ष दीपप्रल्लवित कर किया गया। दीप प्रज्जलवन जिला अध्यक्ष नरेन्द्र कुशवाह, कुशवाह समाज पटेल दलकिशोर कुशवाह, पूर्व सरपंच मोहनलाल कुशवाह, पूर्व पार्षद सुभाष नामदेव, पूर्व पटेल किशोरीलाल कुशवाह ने किया। सम्राट अशोक के जीवन का परिचय सुरेश कुशवाह शिक्षक ने दिया। पूर्व पटेल किशोरीलाल कुशवाह ने सम्राट अशोक के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सम्राट अशोक एक निडर शासक थे तथा उन्होने कभी अपने जीवन के दुश्मनो से समझौता नही किया। इस अवसर पर प्रकाश कुशवाह मामा, मोहन कुशवाह, रवि कुशवाह, पूर्व पटेल किशोरीलाल कुशवाह, राहुल कुशवाह, सुरेश कुशवाह शिक्षक, हेमराज कुशवाह, अनिल कुशवाह, शुभम कुशवाह, प्रतीक महाडीक, सुनील परमार, अमरचंद कुशवाह, मनोज कुशवाह, भागीरथ कुशवाह, मनाबाबू कुशवाह, विशाल कुशवाह, विष्णु कुशवाह, सुशील कुशवाह आदि उपस्थित थे। आभार रवि कुशवाह ने व्यक्त किया।
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