मुकेश अम्बे रिपोर्टर




घुसगांव में समस्त ग्राम वासियों , क्षैत्र वासियों के सहयोग से चल रही श्रीमद्भागवत कथा में दुसरे दिन की कथा मे संदलपुर खातेगांव से पधारे संतभक्त पं. भगवती प्रसाद तिवारी ने कहा आज श्री रामनवमी और दुर्गानवमी के पावन अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सर्व श्रेष्ठ राजा , सर्वश्रेष्ठ पुत्र, सर्वश्रेष्ठ भ्राता, सर्वश्रेष्ठ पति , सर्वश्रेष्ठ मित्र आदि सद्गुणों से परिपूर्ण श्री राम जी के जन्मोत्सव पर सद्गुणों को आत्मसात करने का प्रयास करें। श्रीराम जी हमे सिखाते हैं मानव से महामानव, पुरुष से महापुरुष बनने की सामर्थ्य सभी में छुपी हुई है उसे जगाने के लिए उत्सव मनाते हैं।
महामुनि सतगुरु श्री शुकदेव जी महाराज ने सम्राट परीक्षित को समझाया संसार में जन्म लेने वाले प्रत्येक प्राणी सुख,शांति,आनंद प्राप्ति के लिए रात दिन मेहनत, मजदूरी, नौकरी, धंधा, व्यापार करता है। लेकिन ना चाहते हुए भी जीवन में दुःख, अपमान, निंदा,हानि , बुराई, बिमारी का सामना करना पड़ता है। मनुष्य को जब तक सच्चा ज्ञान नहीं होता हैं वह दुःखी ही रहता है।किसी भी तरह से मनुष्य का अज्ञान , अभिमान,
अविद्या,विकार ,का नाश होना चाहिए।तभी मनुष्य सच्ची सुख शांति और आनंद पाने में सफल हो सकता है।अपने अज्ञान को ,बुरी आदत को ,मन के दोष मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। चाहे स्नान से दान से , ध्यान से ,यज्ञ से , तीर्थ यात्रा से,मंदिर से ,देवी देवता से,कथा से तपस्या से जैसे भी बन पड़े सच्चा ज्ञान के बिना अपने दोष ,दुर्गुण , विकार, पाप से छुटकारा नहीं मिल सकता। संसार मे जितने भी धार्मिक स्थल है ये मानव को महामानव बनाने के लिए ही हे। सही ढंग से धर्म के मर्म को ना समझने के कारण मानव दानव बन जाता है।हर मनुष्य अच्छा और सच्चा बने सनातन धर्म यही सिखाता है।ध्रुव जी भक्त ने बचपन से ही सच्ची भक्ति सा
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