किरण रांका रिपोर्टर


आष्टा/किरण रांका जनहित एवं समाज हित से जुड़े मुद्दों को लेकर मध्य प्रदेश के धार जिले के ग्राम दसाई निवासी आशुतोष कुमार पाटीदार द्वारा माता-पिता के अधिकारों होते हरण को लेकर अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर पैदल निवेदन यात्रा की जा रही है।
मातापिता के अधिकारों के लिए अपनी 6 सूत्रीय मांगो लेकर धार जिले के ग्राम देसाई से 7 अप्रेल को पैदल यात्रा करने निकले आसुतोष पाटीदार की यह यात्रा सोमवार की शाम को सीहोर जिले की आष्टा तहसील पहुंची!
जहाँ समाजजनों नें आसुतोष का फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया एवं आसुतोष की मांगो का समर्थन भी किया!
पैदल यात्रा करते हुए आष्टा पहुचे आसुतोष नें मिडिया से चर्चा करते हुए बताया की 7 अप्रेल से यात्रा शुरू की थी इस दौरान लगातार प्रतिदिन 20 से 25 किमी का सफर तय करते हैं।जगह-जगह उनका समाज जन व अन्य समाज जनों द्वारा स्वागत किया जा रहा है। और उनकी इन 6 सूत्रीय मांगो का भी समर्थन किया जा रहा है
आशुतोष ने बताया की उनकी प्रमुख मांग 21 वर्ष से कम आयु के लड़के लड़की प्रेम विवाह करना चाहे तो मातापिता की सहमति जरुरी की जाय एवं एवं कोर्ट मैरिज में मातापिता को आपत्ति लेने का अधिकार होना चाहिए एवं आर्य मंदिर में हो रही शादियों पर रोक लगना चाहिए सहित 6 सूत्रीय मांगो लेकर आसुतोष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने निकले है!
वही आसुतोष आगे बताते है की
वर्तमान में घर से माता-पिता की बिना मर्जी के भाग कर शादी करने के सिलसिला अधिक देखने में आ रहा है।साथ ही अन्य मांगों को लेकर यात्रा की जा रही है,यात्रा में समाज जन एवं अन्य समाज के लोग भी कुछ दूरी तक पैदल साथ में चलकर समर्थन कर रहे हैं।यात्रा का समापन भोपाल पहुच कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाक़ात उनके सामने अपनी मांगो को रखकर करेंगे!
मातापिता के अधिकारों के लिए इन मांगो को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे आसुतोष
- 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के – लड़की यदि प्रेम विवाह करना चाहे तो माता – पिता की सहमति होना चाहिए ।
- 23 वर्ष से कम उम्र के लड़के – लड़की यदि बिना माता – पिता की सहमति शादी करते है तो लडके – लड़की की कुल आय कम से कम 1,20,000 रुपये होना चाहिए ।
- कोर्ट मैरिज में भी माता – पिता को आपत्ति लेने के अधिक अधिकार होना चाहिए व माता पिता को जानकारी देने के बाद ही कोर्ट मैरिज होना चाहिये ।
- आर्य समाज के मंदिरो में फर्जी तरीको से होने वाली शादियां भी कोर्ट मैरिज की तरह होनी चाहिए अन्यथा उन पर भी रोक लगनी चाहिए ।
- बच्चे यदि माता – पिता को त्यागने का अधिकार रखते है , तो माता – पिता को भी बच्चों का पूर्णरुप से बहिष्कार करने का अधिकार होना चाहिए,जिसमे स्वयं अर्जित संपत्ति और पैतृक संपत्ति से भी बहिस्कार किया जा सकता हैं ।
- बच्चे यदि बूढ़े माता – पिता को त्याग कर अलग होते हैं , तो माता -पिता को उन पर कोर्ट केस कर वृद्ध जीवन भत्ता लेने का अधिकार होना चाहिए वही इस हेतु सर्वसमाज से जागरूकता ला कर इस कुरीति को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिये ।
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