रिपोर्टर – रमाकांत दुबे,अमित परौहा






आदिवासी मद से बनना था सामुदायिक भवन, बना दिया वीरान खम्हरिया में
सार्वजनिक शौचालय, वृक्षारोपण आदि लाखों रु के कार्य करा दिए वीरान खम्हरिया में
सिहोरा
ये तस्वीर जो आप देख रहे हैं यह जबलपुर के सिहोरा विधानसभा के गांधीग्राम पंचायत का खम्हरिया गांव है, क्षेत्रीय लोगों ने इस गांव के विषय में बताया कि इस गांव में कई वर्ष पहले महामारी फैली थी, जिसके चलते यहां रहने वाले लोग इस गांव से पलायन कर अन्य जगह पर अपना डेरा जमा लिया था, उसके बाद से इस गांव का नाम वीरान खम्हरिया कहा जाने लगा, यहां तक कि शासकीय रिकॉर्ड में भी वीरान खम्हरिया का नाम दर्ज हो चुका है।
इसी गांव से कुछ दूरी पर देवनगर पंचायत का मिढासन गांव बसा है, ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच पर आरोप लगाते हुए बताया कि पिछली पंचायत में सांसद निधि से आदिवासी सामुदायिक भवन बनाने की 10 लाख रुपये की राशि आई थी, जिसे देवनगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम देवनगर, पथरई, या मिढासन में सामुदायिक भवन बनाया जाना था, पर पूर्व सरपंच शांति विजय पटेल ने उक्त राशि का उपयोग कर ऐसे वीरान गांव में सामुदायिक भवन बना दिया जो देवनागर पंचायत में आता ही नही है ।
ग्रामीणों ने कई बार की शिकायत, आज तक नही हुई कार्यवाही
देवनगर पंचायत में पंच रहे गांव के ही कोडिलाल कोरी ने इसकी शिकायत सिहोरा जनपद सीईओ के समक्ष की परंतु इस पर सिहोरा सीईओ द्वारा उक्त कार्य में रोक लगाने की बजाय लगातार राशि स्वीकृत करते रहे। कार्यवाही न होने के बाद ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर के पास जाकर उक्त मामले की शिकायत कर जांच कराने का आवेदन दिया।
ग्राम सचिव इंजीनियर, सहायक यंत्री, सीईओ की भूमिका पर उठ रहे सवाल
पंचायत में आई राशि का कार्य सही स्थिति में हो रहा है या नही इसके लिए प्रशासन ने पंचायत के कार्यों की देख रेख के लिए पंचायत सचिव, इंजीनियर, उपयंत्री, सहायक यंत्री की स्वीकृति के पश्चात ही सीईओ द्वारा राशि प्रदान की जाती है ,
पूरे मामले में चोकाने वाली बात यह है कि पंचायत की राशि किसी अन्य पंचायत में लगाई जा रही थी, ग्राम सचिव सहित जनपद स्तर के आला अधिकारी इतने बड़े मामले में लगातार राशि स्वीकृत करते रहे, इस बीच गांव के निवासी लगातार सिहोरा सीईओ को लिखित शिकायत देकर कार्य रोकने गुहार लगाते रहे। पर किसी ने बात नही सुनी।
मालगुजारी गांव के चक्कर में सरपंच ने कराया अन्य जगह कार्यगांव के ही लोगों ने बताया कि पंचायत से हटकर अन्य पंचायत में 10 लाख रु की राशि से निर्माण कार्य कराया गया है वह गांव खमरिया में देवनगर के पूर्व सरपंच शांति बाई विजय पटेल का मालगुजारी गांव था, सैंकड़ो वर्ष पूर्व आई महामारी में गांव के लोग अपनी जान बचाने गांव से पलायन करते गए आज उस गांव में एक भी व्यक्ति नही रहता है जिसके चलते उस गांव का नाम अब वीरान खम्हरिया कहा जाने लगा, इतना ही नही पूर्व सरपंच ने वीरान जगह पर लाखों रुपये से वृक्षारोपण कार्य भी करा दिया।
जांच होगी तो उजागर होगा लाखो रुपये का भ्रष्टाचार
सिहोरा जनपद में लगातार शिकायत दे रहे ग्रामीणों की शिकायत पर कार्यवाही न होता देख अंत में मंगलवार को जिला कलेक्टर शौरभ सुमन के समक्ष उपस्थित होकर मामले की जांच कराने आवेदन सौंपा, ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व सरपंच के कार्यकाल की जांच कराई जाए तो लाखों रुपयों का भ्रस्टाचार तो उजागर होगा ही साथ ही उक्त कार्य में संलिप्त ग्राम सचिव, इंजीनियर, उपयंत्री, सहायक यंत्री भी सवालों के घेरे में आएंगे
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