जिला ब्यूरो चीफ आरिफ हुसैन



नशा कोई सा भी हो हमेशा जीवन का नाश ही करता है,
दिव्य श्री गौ कृपा कथा के पहले दिन राजवाडा प्रांगण में जनसैलाब उमडा
आलीराजपुर।
ईश्वर की कृपा से सत्संग मिलता है, मनुष्य के विवेक के जागने पर ही उसे सत्संग का लाभ मिलता है। सत्संग परमात्मा से मिलाता है, संसार में सर्वोच्च पद ईश्वर का सानिध्य है। जिस दिन ईश्वर की प्राप्ति होगी नई सृष्टि रच सकते है। जीवन की सबसे किमती वस्तु आनंद है, व्यक्ति के पास लाखों करोडो की संपत्ति हो लेकिन चेहरे पर उदासी हो तो वह संपत्ति किस काम की। हमेशा अपने चेहरे पर आनंद, मुस्कान और उत्साह हो, दुश्मन के सामने भी मुस्करा रहे है तो समझो जींदगी जीने की कला आ गई। यह बात स्थानीय राजबाडा प्रांगण में सर्व हिन्दू समाज एवं गौ कृपा कथा आयोजन समिति द्वारा आयोजित दिव्य श्री गौ कृपा कथा के पहले दिन परम पूज्य क्रांतिकारी गौ भैरव उपासक संत श्री गोपालानन्द सरस्वती जी महाराज ने कही। उन्होने भगवान गणेश जी के प्रकटीकरण की कथा विस्तार से सुनाई।
नशा कभी भी विकास नहीं करेगा
उन्होने कहा कि व्यसन करने वाला जानता है कि व्यसन सही नहीं है, लेकिन वह इस दुर्भाग्य को मानता नहीं है, वो जानना ही नहीं चाहता है, नशा कोई सा भी हो हमेशा नाश ही करता है, नशा कभी भी विकास नहीं करेगा। उन्होने कहा कि ऐसी मेहनत मत करिये जिसका परिणाम नहीं निकले, मेहनत ऐसे कार्य पर करिये जिसका सार्थक परिणाम निकले।
द्वार पर गौ या नंदी आए तो समझो आपके द्वार पर धर्म आया है
संतश्री ने कहा कि जब भी आपके द्वार पर गौ माता या नंदी बाबा आए तो प्रसन्न होकर स्वागत करे और उन्हे गुड, रोटी खिलाएं, उनके आने से आपके द्वार पर धर्म आता है। गौ माता की परिक्रमा करने से पृथ्वी की परिक्रमा हो जाती है। गौ माता के अंग-अंग व रोम-रोम में सारे देवता बैठे है। गौ माता की वंदना करने से सभी देवताओं की स्तुति हो जाती है। हर घर में एक धर्मग्रन्थ होना चाहिए, ग्रन्थ में हजारों समस्याओं का समाधान मिलता है। जब भी अपने पिता से बात करो तो करबद्ध होकर बात करो, पिता वात्सल्य में बंध जाएंगे।
गौ माता सनातन धर्म की शुद्ध पहचान है
उन्होने कहा कि दुर्भाग्य है कि 800 सालों से समझाने की कोशिश की गई की गाय एक पशु है, 250 साल पहले से इसे पढाना भी शुरू कर दिया। गौ माता पशु या जानवर नहीं है, बल्कि गौ माता सनातन धर्म की शुद्ध पहचान है। जिस जिस ने गौ माता की श्रद्धापूर्वक सेवा की है, उसके जीवन के सब दुख दर्द दूर हो जाते है। निष्काम भाव से जो गौ माता की सेवा करते है गोविंद उसके यहा स्वयं आते है। कथा के दौरान संतश्री ने बारी जाउं रे बलहारी म्हारे सद्गुरू आंगन आया, छोटी-छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल छोटो सो मेरो मदन गोपाल, गाया वैसे पंडाल में मौजूद श्रद्धालु झूम उठे।
12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल नहीं देवे
संतश्री ने कहा कि जो दूसरो की पीडा मिटाएं वहीं साधु और संत है, साधु को हमेशा लोक कल्याण या आत्मज्ञान की बात ही करना चाहिए। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यदि मोबाइल दिया तो समझो उस बच्चे के आप दुश्मन हो। ऐसी गलती कभी मत करो, मोबाइल से बच्चों के दिमाग, आंखो और नसो पर असर पडता है।
हर व्यक्ति धन संपदा में सुख ढुंढ रहा है
दुनिया में सुख नहीं है, सुख तो बहुत है लेकिन सुख को ढुंढना नहीं आया, लोग रूपये-पैसो में सुख ढुंढते है, जो 24 घंटे हाय पैसा हाय पैसा करता है, ऐसे लोगों की हालत ठीक नहीं होती है। यदि सोने में सुख होता तो रावण पूरी लंका नगरी ही सोने की बना कर बैठा था। आप धन संपत्ति में सुख ढुंढ रहे हो तो गलत रास्ते पर जा रहे हो।
गुरू के बताएं मार्ग पर चलेंगे तो हर समस्या का समाधान होगा
उन्होने कहा कि गुरू के बताएं हुए मार्ग पर जो चलता है, उसको सभी समस्याओं का समाधान मिलता है। जब तक जीवन में गुरू नहीं तब तक जीवन शुरू नहीं, गुरू से जी जीवन शुरू होता है। गुरू की बात ईश्वर तुल्य होती है। हमें सुबह ब्रह्म मुहुर्त में उठना चाहिए। हर हिन्दू के माथे पर प्रतिदिन तिलक होना चाहिए। इसमें बहुत चेतनाएं होती है, पुरूष के माथे पर तिलक हो तो प्रेत भी भी रास्ता छोड देता है। हमें हमेशा अच्छी संगति में रहना चाहिए। मां बाप बेटे को आजादी दे तो उन पर नजर भी रखे की वे कैसी संगति कर रहे है, यदि कुसंगति कर रहे हो तो तुरंत उन्हें रोके।
कथा स्थल पर गौ माता का पूजन किया गया
कथा के प्रारंभ में कथा के मुख्य यजमान हवेली परिवार के कन्हैयालाल गुप्ता, स्व. लक्ष्मण सा गुप्ता, नारायण सा जी गुप्ता, स्व. जगन्नाथ सा जी गुप्ता के परिवार व प्रथम दिन की कथा के यजमान प्रिन्स सोनी गुन्दी वाला परिवार ने गौ माता का पूजन विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ किया। हवेली परिवार के विरेन्द्र गुप्ता व परिवार वाले भी नारायण गीर गोशाला का संचालन कर रहे है, जहां 40 गौ माता की सेवा रोज होती है। संचालन कमल राठौर ने किया। कथा के अंत मुख्य यजमान हवेली परिवार, प्रथम दिन के यजमान गुंदी वाला परिवार व दानदाताओं का पूज्य गुरूदेव दुपटटा व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया, अंत में गौ माता की आरती के साथ कथा का समापन हुआ।
कथा के मीडिया प्रभारी कृष्णकान्त बेडिया ने बताया कि गौ कृपा कथा आयोजन समिति अध्यक्ष राजेश राठौर, हेमन्त कोठारी, डा. केसी गुप्ता, विक्रान्त राठौर, श्याम राठौर सेन्डी, ओम कोठारी, राकेश चौहान, जीतू देवडा, भानूप्रताप बाहेती, किशनलाल राठौर, महेन्द्र टवली, पूनम राठौड, आयुषी राठौड, पूर्णिमा व्यास, सुनिता गोराना, टीना कमल राठौड, एवं श्री राम गौशाला के अध्यक्ष सुनील राठौड़,उपाध्यक्ष अर्जुन मसानिया,संजय गेहलोद,प्रितेश राठौड़,भूपेन्द्र माली, प्रेम माली, राजेश माली,रितेश राठौड़, जितेश शर्मा, विशाल राठौड़,पीयूष राठौड़,धर्मेन्द्र शर्मा,राजा माली, रूपदेव राठौड़ सहित जोबट, आम्बुआ, चांदपुर, बडी खटटाली सहित आस पास के नगर व गांवो से अनेक लोगों ने सहभागिता की। उन्होने बताया कि कथा का विशेष प्रसारण प्रतिदिन सत्संग चैनल पर दोपहर 1 से 4 बजे तक किया जाएगा तथा धेनु टीवी चैनल पर लाइव किया जाएगा। कथा का समय प्रतिदिन शाम 7 से रात्रि 10 बजे तक रहेगा। श्री राम गौ शाला समिति के सभी सदस्य आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। कथा को सफल बनाने और उत्तम व्यवस्था के लिये विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। पहले दिन कथा सुनने के लिये जनसैलाब उमडा।
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