
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के 79 वर्षीय
विजय हाथी का बिना पेंशन के बुढ़ापा मुश्किल से बीत रहा है. उनको कागजों पर मरा हुआ घोषित कर दिया गया था, जिसके चलते करीब दो साल से उनकी पेंशन बंद है. बुढ़ापे में पेंशन बंद होने के बाद मजबूर विजय को दर-बदर भटकना पड़ रहा है लेकिन अभी तक उनकी पेंशन बहाल नहीं हो सकी है. विजय को दो साल पहले पब्लिक रिकॉर्ड पर
तब मरा हुआ घोषित कर दिया गया था. जब उनकी पेंशन रुक गई तब उन्होंने ब्लॉक विकास अधिकारी से संपर्क किया और तब उन्हें पता चला कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है, और उनको पश्चिम बंगाल सरकार से मिलने वाले हजार रुपये आगे से नहीं मिलेंगे.
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