शकील खान रिपोर्टर






श्री खाटू श्याम वैकुंठ धाम मंदिर में प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत आयोजित श्री खाटू श्याम कथा में भागवताचार्य पंडित नारायण व्यास ने कहा
बाबा खाटू श्याम के साथ श्री विष्णु हरि ,लक्ष्मी माता और श्री कुबेर भंडारी भगवान की प्रतिमा मंदिर में हुई विराजित
मनावर / भगवान बर्बरीक ने एक बार शीश दान किया जबकि रावण ने एक हजार बार अपने शीश का दान किया था। लेकिन रावण के शीश देने में कामना थी जबकि भगवान बर्बरीक के शीश देने में सर्वजन हिताय की भावना थी। यही कारण है कि बर्बरीक आज खाटू श्याम के रूप में पूजे जाते हैं ।जबकि रावण को बुराई का प्रतीक माना गया है। भगवान की भक्ति में कामना नहीं होना चाहिए। जहां कामना आ जाती है, वहां भक्ति का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। शरीर का तात्पर्य सेवा है, जिसने सेवा कर ली उसका शरीर साध्य हो गया । उक्त उद्बोधन शहर के सिंघान रोड पर ग्राम कुराड़ाखाल के पास स्थित नवनिर्मित श्री खाटू श्याम बैकुंठ धाम मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के तहत आयोजित एक दिवसीय श्री श्याम कथा में बांगरोद जिला रतलाम से पधारे राष्ट्रीय भागवताचार्य पंडित श्री नारायण जी व्यास ने एक दिवसीय श्री श्याम कथा मैं दिए
कार्यक्रम के प्रारंभ में मंदिर के पंडित श्री कपिल शास्त्री ने भागवत आचार्य श्री व्यास जी और उनके साथ आईं भजन मंडली के सदस्यों का श्याम पट्टीका पहना कर स्वागत किया।
श्री व्यास जी ने भगवान श्री खाटू श्याम के जन्म से लेकर शीश दान तक की कथा का मनमोहक वर्णन करते हुए कहा कि मन से कभी भी किसी का बुरा मत सोचो। क्योंकि हर मन के साथ कण कण और जीव जीव में भगवान का वास है। उन्होंने कहा कि मोबाइल संस्कृति हमें पतन की ओर ले जा रही है । मोबाइल का उतना ही इस्तेमाल करें जितना वह उपयोगी हो। लव जिहाद पर अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि बेटे और बेटियों को अपने धर्म और संस्कृति से जोड़कर उन्हें उसका ज्ञान देना चाहिए। धर्म और संस्कृति के ज्ञान के अभाव में लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही है। उन्होंने सभी श्याम भक्तों से अपील की है कि अपनी व्यस्त जिंदगी में से थोड़ा समय निकालकर मंदिर जरूर आए और थोड़ा समय भगवान के भजन पूजन के लिए भी दे। उन्होंने कथा के दौरान पर्यावरण के असंतुलन पर अपनी चिंता प्रकट करते हुए वृक्षों को काटने को पाप बताते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण की अपील भी की। कथा के बीच में भजन मंडली द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी गई । भजनों के दौरान श्याम भक्त जमकर थिरके। महा आरती के साथ कथा का समापन किया गया। कथा श्रवण के लिए मनावर, कुराड़ाखाल, सिंघाना, बोरूद, जाजमखेड़ी, वाकानेर, गंधवानी आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्याम भक्त शामिल हुए ।
मंदिर में विराजित हुए भगवान खाटू श्याम —- मंदिर से जुड़े श्याम भक्त विश्वदीप मिश्रा ,राजा पाठक, कन्हैया राठौड़ ने बताया कि गुरुवार एकादशी के पावन पर्व पर भगवान श्री खाटू श्याम, श्री विष्णु हरी ,माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर जी की प्रतिमा को विधि विधान के साथ मंदिर में विराजित किया गया। मंदिर के पंडित कपिल शास्त्री जी के सानिध्य में यज्ञ आचार्य शिव वैष्णव, रवि वैष्णव, अनिल वैष्णव ,हितेश वैष्णव और शुभम वैष्णव तथा उज्जैन से आई ब्राह्मणों की टीम के मार्गदर्शन में मुख्य यजमानो सहित सैकड़ों हाथों ने पूर्णाहुति संपन्न की। महा आरती के पश्चात महा प्रसादी , पंचमेव,छप्पन भोग और फरियाली खिचड़ी का वितरण किया गया।
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