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Dharmendra Singh

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August 7, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय के लिये 1 मार्च तक होगा किसान पंजीयन

कटनी – कलेक्टर श्री अवि प्रसाद नें रबी विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों के पंजीयन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए जिले में तहसीलवार 55 पंजीयन केन्द्र निर्धारित किये गए है। रबी उपार्जन हेतु फसल पंजीयन की अवधि 5 फरवरी से 01 मार्च 2024 तक समस्त कार्य दिवसों में तहसीलवार निर्धारित किसान पंजीयन केन्द्र में किया जायेगा।

तहसील वार पंजीयन केन्द्र

कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा जारी आदेशानुसार तहसील कटनी नगर मे फसल पंजीयन हेतु 6 पंजीयन केन्द्र निर्धारित किये गए है। जिनमें तहसील कटनी नगर एवं कटनी हेतु पंजीयन केन्द्र कुठला, पहाडी, कैलवारा (चाका), कन्हवारा, हीरापुर कौंडिया एवं मुड़वारा निर्धारित किया गया है। तहसील ढ़ीमरखेडा हेतु 8 पंजीयन केन्द्र क्रमशः उमरिया पान, ढ़ीमरखेडा, मुरवारी, सिलौंडी, दसरमन, झिन्ना पिपरिया, देवरी मंगेला एवं खमतरा को पंजीयन केन्द्र निर्धारित किया गया है। इसी तरह तहसील बड़वारा अंतर्गत 6 पंजीयन केन्द्र बड़वारा, विलायतकला, अमाड़ी, बसाड़ी, नन्हवारा सेझा, भजिया केन्द्र निर्धारित किया गया है।

इसी तरह तहसील बरही अंतर्गत 4 पंजीयन केन्द्र क्रमशः बरही, खितौली, पिपरियाकला, करेला, तहसील बहोरीबंद अंतर्गत 11 पंजीयन केन्द्र कूड़न, बहोरीबंद, देवरीखरगवां बरही (बाकल), चादनखेडा, हथियागढ़, कुॅआ, इमलिया, सलैया पटोरी, बाकल एवं सिंहुडी को पंजीयन केन्द्र बनाया गया है। जबकि तहसील रीठी के 7 उपार्जन केन्द्र रीठी, मुहास, तिलगवां, बिलहरी, बकलेहटा, बडगॉव एवं देवगांव को पंजीयन केन्द्र बनाया गया है। तहसील विजयराघवगढ़ में 8 पंजीयन केन्द्र कॉटी, देवराकला, विजयराघवगढ़, सिनगौडी, जिवारा, अमेहटा, सलैया कोहारी एवं उबरा के साथ ही स्लीमनाबाद तहसील हेतु 5 पंजीयन केन्द्र पड़रभटा, तेवरी, धरवारा, धूरी एवं स्लीमनाबाद पंजीयन केन्द्र निर्धारित किये गए है। कलेक्टर श्री प्रसाद ने किसान पंजीयन, सिकमी बटाईदार एवं वन पंजीयन हेतु विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये है।

पंजीयन के लिए यह दस्तावेज होंगे जरूरी

पंजीयन कराते समय किसानों को पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे समग्र आईडी, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, पास बुक, मोबाईल नंबर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा ।

सिकमी बटाईदार एवं वन पट्टाधारी किसानों का पंजीयन

सिकमी बटाईदार, वन पट्टाधारी किसानों के पंजीयन की सुविधा केवल सहकारी समिति, विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्रों पर होगी। पंजीयन कराते समय आधार संबंधी दस्तावेज, आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर, सिकमीनामा (निर्धारित प्रारूप में) की प्रति, वनपट्टा क्रमांक, खसरा, रकबे एवं बोई गई फसल एवं सिकमीनामे की प्रति ई-उपार्जन पोर्टल पर स्कैन कर अपलोड करनी होगी। साथ ही पंजीकृत कृषक का विधिवत रिकार्ड संधारित किया जाएगा एवं श्रेणी के शत-प्रतिशत किसानों का भूमि सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। सिकमी, बटाईदार, पट्टाधारी किसान का आधार नंबर प्रविष्ट किया जाएगा, आधार नंबर की प्रविष्टि उपरांत ओटीपी प्राप्त होगा, जिसके माध्यम से सत्यापन उपरांत आधार डाटाबेस में दर्ज संपूर्ण जानकारी यूआईडीएआई से ई-उपार्जन पोर्टल पर प्राप्त होगी। मोबाईल नहीं होने पर बायोमेट्रिक डिवाइस से भी किया जा सकेगा।

पंजीयन के समय किसानों को मूलभूत जानकारी

पंजीयन के समय कृषक को मूलभूत जानकारी में नाम, समग्र आईडी नंबर, आधार नंबर बैंक खाता नंबर, बैंक का आईएफएससी कोड, मोबाईल नंबर संबधित दस्तावेज तथा विक्रय तिथियों के तीन विकल्प दिए जायेंगे। वन पट्टाधारी एवं सिकमी कास्तकार को पंजीयन के समय दस्तावेजों के साथ-साथ अनुबंध अथवा पट्टे की प्रति उपलब्ध करानी होगी। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा। जबकि भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड मे दर्ज नाम से विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही उसका पंजीयन मान्य होगा।

किसान गिरदावरी में दर्ज भूमि के रकबे, बोई गई फसल एवं फसल की किस्म से संतुष्ट न होने पर पंजीयन के पूर्व किसान द्वारा भूमि, बोई गई फसल एवं फसल की किस्म में संशोधन हेतु गिरदावरी में दावा-आपत्ति करनी होगी। दावा-आपत्ति का निराकरण होने एवं ई-उपार्जन पोर्टल पर किसान संशोधित जानकारी आने पर पंजीयन किया जा सकेगा। गिरदावरी में बोई गई फसल, रकबे एवं फसल की किस्मों में किसी प्रकार का संशोधन किये जाने पर किसान पंजीयन में तदनुसार स्वतः संशोधन हो जाएगा, जिसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से संबंधित किसान को एनआईसी द्वारा भेज दी जाएगी।

डाटा संशोधन की कार्यवाही

भू अभिलेख एवं आधार डाटा में किसान का नाम त्रुटिपूर्ण होने पर राजस्व अमले से अथवा आधार पंजीयन केन्द्र में नाम का संशोधन किया जायेगा। आधार डाटाबेस में दर्ज मोबाइल पर ही ओटीपी प्रेषित होगा। किसान के अद्यतन आधार लिंक खाते में ही भुगतान की कार्यवाही होनें के कारण बैंक खाते को आधार लिंक करानें की कार्यवाही संबंधित बैंक में कराना आवश्यक होगी।