जल जीवन मिशन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का मिशन है – संभागीय आयुक्त श्री सिंह
मिशन के कार्यों में गति लाने के उद्देश्य से आयोजित हुई संभाग स्तरीय कार्यशाला
ग्वालियर 23 फरवरी 2024/ जल जीवन मिशन भारत सरकार का एक मुख्य कार्यक्रम है। वर्ष 2019 से शुरू किया गए इस मिशन का उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को नल से सुरक्षित, निरंतर एवं पर्याप्त पेयजल प्रदान करना है। मिशन की प्राथमिकता और निर्धारित समय-सीमा के भीतर लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु संभाग स्तर पर जल जीवन मिशन से संबंधित मुद्दों पर प्रभावी कार्यान्वयन, उन्नयन, समन्वय और समरसता के लिये संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ एक संयुक्त कार्यशाला का आयोजन होटल तानसेन रेसीडेंसी के सभागार में किया गया।
यूनीसेफ के तकनीकी सहयोग एवं संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह की पहल पर सभी विभागों के समन्वय के लिये आयोजित इस कार्यशाला में संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह, कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता श्री के के सोनदरिया, कलेक्टर निवाड़ी श्री अरूण कुमार विश्वकर्मा, सीईओ जिला पंचायत ग्वालियर श्री विवेक कुमार, चीफ इंजीनियर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्री आर एल एस मौर्य सहित ग्वालियर-चंबल संभाग के जिला पंचायत सीईओ सहित जिला पंचायत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, महिला एंव बाल विकास विभाग, जिला ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी भी शामिल हुए। यूनीसेफ के जल एवं स्वच्छता विशेषज्ञ श्री पंकज माथुर भी कार्यशाला में वर्चुअली शामिल हुए।
संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2019 से जल जीवन मिशन प्रारंभ किया गया। इसका मूल उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाली माता-बहनों को दूर-दूर से पानी लाने की समस्या से निजात मिले और उन्हें घर पर ही पाइप लाइन के माध्यम से टोंटी लगाकर स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध हो। इस अभियान के तहत शतप्रतिशत लोगों को वर्ष 2024 को पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मध्यप्रदेश में लगभग 60 प्रतिशत उपलब्धि भी हासिल कर ली है। शेष कार्य भी सभी संबंधित विभागों के समन्वय और सहयोग से पूरा किया जाना है। जल जीवन मिशन की परियोजनाओं को तीव्र गति से पूरा करने के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी प्राथमिकतायें तय कर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी गाँवों में आंगनबाड़ी, स्कूल और स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी पाइप लाइन बिछाकर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। संबंधित विभागीय अधिकारी इस सुविधा का बेहतर उपयोग करें और उसका संधारण भी अच्छे से हो, यह भी सुनिश्चित करें। पूर्ण हो चुकीं परियोजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो, इसके लिये ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने की दिशा में भी सार्थक पहल आवश्यक है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को भी इस मिशन से जोड़कर जागरूकता में उनका सहयोग लिया जाना चाहिए।
संभागीय आयुक्त श्री सिंह ने यह भी कहा कि जिस प्रकार संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई है। उसी तरह की कार्यशालाएँ जिला स्तर पर भी आयोजित हों। सभी जिला कलेक्टर भी मिशन के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए प्रति सप्ताह आयोजित होने वाली अंतरविभागीय समन्वय समिति की बैठक में नियमित इसकी मॉनीटरिंग करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता श्री के के सोनदरिया ने कहा कि जल जीवन मिशन के कार्यों को तीव्र गति से पूरा करने के उद्देश्य से अंतरविभागीय समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह की पहल पर ग्वालियर-चंबल संभाग की कार्यशाला आयोजित की गई है यह एक अनुकरणीय पहल है। विभाग प्रयास करेगा कि मध्यप्रदेश के सभी संभागीय स्तर पर भी इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन कर मिशन के कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के लिये यह गौरव की बात है कि बुरहानपुर जिला देश व प्रदेश का पहला हर घर जल प्रमाणित जिला भारत सरकार द्वारा घोषित किया गया है। प्रदेश के ही निवाड़ी जिले को हर घर जल रिपोर्टेड जिला भारत सरकार द्वारा घोषित किया गया है। मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है जहाँ सभी जिला स्तरीय प्रयोगशालायें एनएलबीएल प्राधिकृत हैं। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की महिला योद्धा श्रीमती अनीता चौबे ग्राम गढ़मऊ ब्लॉक मोहनखेड़ा को राष्ट्रपति महोदय द्वारा स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान से सम्मानित भी किया गया है।
मुख्य अभियंता श्री सोनदरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष कार्य को भी तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाइप लाइन डालने के कारण जो सड़कें खराब हुई हैं उनको ठीक करने का कार्य भी 15 मार्च तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के समन्वय से ही जल जीवन मिशन के कार्यों को गति प्राप्त हो सकती है। आपसी समन्वय से ही लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन आम आदमी के जीवन से जुड़ा हुआ मिशन है। मातृ शक्ति को पानी के लिये इधर-उधर न जाना पडे, इसी उद्देश्य से यह मिशन प्रारंभ किया गया है। हर ग्रामीणजन को उसके घर पर ही पाइप लाइन और टोंटी के माध्यम से पर्याप्त और शुद्ध जल मिले इस दिशा में मिशन कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरविभागीय समन्वय बेहतर होगा तो कार्य गुणवत्ता से और शीघ्र पूर्ण होंगे। संभागीय आयुक्त की पहल पर आयोजित यह कार्यशाला मिशन के कार्यों में तेजी लाने के लिये सार्थक सिद्ध होगी।
कार्यशाला में निवाड़ी कलेक्टर श्री अरूण कुमार विश्वकर्मा ने निवाड़ी जिले में किए गए कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निरंतर मॉनीटरिंग और ग्रामीणों से निरंतर संपर्क से ही कामों में तेजी लाई जा सकती है। इसके साथ ही मिशन का कार्य कर रहे ठेकेदारों के साथ भी निरंतर संवाद और उनकी समस्याओं का निदान भी समय-समय पर किया जाना जरूरी है।
कार्यशाला के प्रारंभ में सीईओ जिला पंचायत ग्वालियर श्री विवेक कुमार ने ग्वालियर जिले में मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर मिशन के कार्यों में तेजी लाने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही ठेकेदारों के साथ भी निरंतर संवाद का क्रम रखा गया है। ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों में जागरूकता के लिये भी निरंतर गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
कार्यशाला के प्रारंभ में चीफ इंजीनियर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री आर एल एस मौर्य ने कार्यशाला में पधारे सभी अतिथियों और सहभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि संभागीय आयुक्त की पहल पर आयोजित यह कार्यशाला विभाग के लिये बहुत ही कारगर होगी और हमारे कार्यों में तेजी आयेगी। संभाग के अन्य जिलों में भी इस तरह की कार्यशालायें आयोजित हों, इसके लिये शीघ्र कार्ययोजना तैयार कर कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।
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