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June 18, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

समूह की महिलाओं ने लिखी आत्मनिर्भरता की कहानी छोटी-छोटी बचत कर और महिला बाल विकास की महिला कोष की ऋण योजना से मिली मदद से खोली किराना दुकान

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News 24×7 india,

रिपोर्ट:_ब्यूरो चीफ संतोष कुमार लहरे जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
जांजगीर-चांपा 27 फरवरी 2024/ जय चण्डी दाई स्व सहायता समूह बुडेना की महिलाएं अब मजबूती के साथ आगे बढ़कर अपने पैरों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर हो चली है। उनकी छोटी-छोटी बचत ने आज उन्हें बेहतर जिंदगी बनाने का मौका दिया और छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना ने उन्हें स्वावलंबी बनाकर आगे बढ़ाया अब गांव में महिलाओं किराना स्टोर खोला हैं। किराना स्टोर से उन्हें आमदनी होने लगी और परिवार की आर्थिक मदद भी कर रही हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा छ.ग. महिला कोष की ऋण योजना चलाई जा रही है। नवागढ़ परियोजना अवरीद परिक्षेत्र सेक्टर के अंतर्गत ग्राम पंचायत बुडेना में महिलाओं द्वारा जय चण्डी दाई स्व सहायता समूह का गठन किया गया है। समूह की महिलाएं बताती हैं कि समूह गठन के पूर्व सदस्यों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी सभी कृषि कार्य मे संलग्न रहकर मजदूरी का कार्य करते थे। अध्यक्ष रेवती तथा सचिव प्रतिभा एवं अन्य सदस्यों ने बताया कि आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण घर छोटी-छोटी जरूरतों के लिए परिवार पर निर्भर रहना पड़ता था। ऐसे में समूह के गठन होने के बाद छोटी-छोटी बचत करना शुरू किया। इसके बाद समूह के द्वारा ग्राम के आंगनबाड़ी केन्द्र 01 में गरम भोजन बनाना शुरू किया। इस कार्य को करते हुए उनके समूह को प्रतिमाह लगभग 1000 का लाभ होने लगा। इस लाभ की राशि से कुछ राशि को खाते में जमा करते हुए परिवार को भी आर्थिक मदद मिलने लगी। समूह की महिलाएं यहीं नहीं रूकी उन्होंने पर्यवेक्षक श्रीमती ऋचा तिवारी के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग में छ.ग. महिला कोष के तहत आवेदन किया। इसके बाद उनके समूह को 50 हजार रूपये विभाग की ओर मंजूरी मिली और ऋण दिया गया। समूह द्वारा ग्राम बुडेना में ऋण मिलने के पश्चात किराना दुकान का कार्य प्रारंभ किया गया। किराना दुकान के संचालन से समूह के सभी सदस्यों आत्मनिर्भर बन गए और प्रतिमाह लगभग 4 से 5 हजार रूपए लाभ प्राप्त करने लगे। इससे वे लोन चुका रही हैं एवं परिवार का घर का खर्च बेहतर चला रही हैं। समूह की महिलाओं ने कहा कि शासन की महत्वाकांक्षी छ.ग. महिला कोष योजना से प्राप्त ऋण से उन्हें आात्मनिर्भर बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।