आष्टा/किरण रांका
गाय का दूध वात-पित्तनाशक तथा रक्तविकारनाशक होता हैं। पुरातन भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में गाय के दूध सेवन से स्वास्थ्य बहुत ही उत्तम रहता हैं। शरीर की व्याधियाॅ नष्ट होती हैं। विश्व में गोदुग्ध के सदृश पौष्टिक आहार अन्य कोई नही हैं। इसे अमृत कहा गया हैं। मातृविहीन बालक दुग्धपान से जीवित रहता हैं। जन्म से मृत्युपर्यन्त किसी भी अवस्था में दुग्ध निषिद्व नही हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से दुग्ध को पूर्णाहार माना गया हैं। शरीर संवद्र्वन हेतु इसमें प्रत्येक तत्व विद्यमान हैं। मानव की शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक शक्ति बढाने वाला गोदुग्ध ही हैं। मार्डन मेडीकल विज्ञान भी गाय के दूध पर सतत् अध्ययन कर रहा हैं तथा गाय के दूध पर सकारात्मक परिणाम मिले हैं। समाज को गौसेवा के क्षैत्र में काम करने की आवश्यकता हैं। माॅ पार्वती धाम गौशाला पिछले कई वर्षो से गौसेवा के क्षैत्र में जनसहयोग से अच्छा काम कर रही हैं। मुझे गौशाला समिति द्वारा सम्मानित किया गया। मैं समिति के प्रति अभिभूत हॅू। उक्त आशय के उद्गार शासकीय सिविल हास्पिटल आष्टा में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ0 जी.डी. सोनी ने उनके ब्लाॅक मेडीकल आफिसर पद् पर पदस्थापित होने पर माॅ पार्वती गौशाला समिति द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में व्यक्त किए। समिति के अध्यक्ष पूर्व पार्षद नरेन्द्र कुशवाह ने इस अवसर पर कहा कि डाॅ. सोनी दंपति जब से इस गौशाला समिति का गठन हुआ हैं तभी से गौसेवा के लिए अपनी ओर से यथोचित मदद करते हैं। इस अवसर पर नवनियुक्त ब्लाॅक मेडीकल आफिसर पद् पर पदस्थ होने पर डाॅ. जी. डी. सोनी का शाल श्रीफल से सम्मान किया। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक श्रीमति अर्चना सोनी, समिति उपाध्यक्ष किरण राकां पत्रकार, कोषाध्यक्ष संजय सुराणा आदि मौजूद थे।
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