लोकेशन – सरदारपुर
*विदेशी धरती छोड़ सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया*
*भौतिकवाद से आध्यत्मिक वाद की और लोटे एक भूगर्भ शाश्त्री*
सरदारपुर- राजोद संतान धर्म की विरासत को आगे बढ़ाने तथा अपने पिता के दिये संस्कारो के चलते पैतृक कर्म को अपनाते हुए एक बेटे ने 35 साल तक विदेश में रहने के बाद मल्टी नेशनल कम्पनी के मेनेजिंग डायरेक्टर जैसे पद को छोड़ दिया और भागवत पुराण कथा को लोगो के बीच सुनाना शुरू कर दिया। इनकी पहली
श्रीमद भागवत पुराण कथा छोटे से गाँव झिंझोटा मे 11 अप्रैल से शुरू हुई जो 17 अप्रैल तक चलेगी।
क्षेत्र के सुप्रसिद्ध कर्मकांडी विद्धवान प्रवचनकार पण्डित किशोरी लाल जी उपाध्याय के जेष्ठ पुत्र राजेन्द्र उपाध्याय भू गर्भ शास्त्री (भू वैज्ञानिक) के रूप में पी.एच. डी. एम.टेक. होकर करीब 35 साल विदेश की मल्टी नेशनल कम्पनी में मेनेजिंग डायरेक्टर के पद रहे। इस दौरान श्री उपाध्याय ने 36 से अधिक देशों की यात्रायें की। विदेशों में भूगर्भ शास्त्री रहते भारत का नाम रोशन किया। राजोद के एक साधारण ब्राह्मण परिवार में जन्मे श्री उपाध्याय कुशाग्र बुद्धि के धनी है। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव मे ही सम्पन्न हुई। जिस समय यहाँ कोई सुविधा नही थी ऐसे दौर में अपनी पढ़ाई जारी रख कर श्री उपाध्याय ने विदेशी धरती पर जाकर अपने गाँव,प्रदेश, देश ,का नाम रोशन किया। इतना ही नही, भूगर्भ के ज्ञान के बारे इन्होंने एक किताब भी लिखी है,जो सिंगापुर से प्रकाशित होगी। श्री उपाध्याय का मानना है कि अंत मे भौतिकवाद से आध्यात्म की और आना ही था। पिता के ज्ञान की धरोहर को सरंक्षित रखने के लिए विदेश जाना छोड़ भारत के सनातन धर्म को जन जन तक पहुचाने का बीड़ा उठाया है। विद्धवान पिता के सरक्षण में रहते हुए तीन साल से विभिन्न गर्न्थो,पुराणो, कथाओं ,
का अध्यन कर आज एक भू गर्भ शास्त्री ,शास्त्रों के ज्ञान से लोगो को आनंदित कर रहा है। श्री उपाध्याय उन ब्राह्मण नव युवकों के लिए प्रेरणा साबित होंगे जो अपने पैतृक कर्म को छोड़ नोकरी पेशा की और भाग रहे है।
सरदारपुर से राहुल राठौड़
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