Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
August 8, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

प्रोजेक्ट पंख

अंतरराष्ट्रीय ड्रोन दिवसः ड्रोन बना कटनी की नई पहचान

कटनी । प्रौद्योगिकी की उन्नति ने आधुनिक जीवन को एक नए तरीके से संवारा है। इसमें ड्रोन प्रौद्योगिकी का योगदान अविस्मरणीय है। अंतरराष्ट्रीय ड्रोन दिवस का आयोजन हर साल मई माह के पहले शनिवार को किया जाता है। इस दिन ड्रोन प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्णता और उपयोग को मान्यता दी जाती है।

ड्रोन तकनीक संपूर्ण विश्व की उभरती तकनीकों में से एक है, एवं अपने देश में भी इस तकनीक में नित्य नए नवाचार हो रहे हैं। ड्रोन तकनीक के विकास ने पूरे विश्व के साथ भारत में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज ड्रोन तकनीक का उपयोग न केवल सामरिक क्षेत्र में, बल्कि जीवन के विविध क्षेत्रों में हो रहा है एवं हमारे देश के कई संस्थान इस तकनीक के विकास में निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

आज ड्रोन तकनीक का उपयोग विभिन्न क्षेत्र जैसे आपदाकाल में रेस्क्यू ऑपरेशनों, वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी, उन्नत खेती हेतु कृषि ड्रोन के माध्यम से खेतों में उर्वरक एवं दवाई का छिड़काव, मैपिंग ड्रोन के माध्यम से भगौलिक नक्शे एवं 3डी नक्शे तैयार करने, प्राकृतिक संपदा जैसे वन इत्यादि एवं मानव निर्मित संपदा जैसे भवन, ब्रिज, डेम, फैक्ट्री आदि की नियमित जांच निरीक्षण एवं सर्वे करने, मेलों, वीआईपी मूवमेंट, अति महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील स्थानों एवं गतिविधियों की निगरानी, खदानों का सीमांकन एवं 3डी मैप तैयार करने, फसल बीमा के अंतर्गत निरीक्षण, पर्यटन स्थल का चिन्हांकन एवं सर्वे, मृदा परीक्षण एवं “सीड बॉल ड्रॉप” तकनीक से बृहद बृक्षारोपण जैसे अनेकों कार्यों में किया जा रहा है। इसके साथ ही, भारत सरकार ने ड्रोन प्रौद्योगिकी के लिए नई नीतियों को लागू किया है, जिसमें संबंधित नियामक प्राधिकरण डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation, DGCA) की भूमिका महत्वपूर्ण है।

मध्य प्रदेश का कटनी जिला, इस सफलता के उदाहरण में एक उत्कृष्ट स्थान रखता है। जिले के युवाओं को ड्रोन तकनीक का आधारभूत प्रशिक्षण देकर इस क्षेत्र में रोजगार के आगामी अवसरों हेतु पूर्णतः तैयार रखने हेतु नवाचार प्रोजेक्ट पंख प्रारम्भ किया गया है। प्रोजेक्ट पंख एक नवीन तकनीक के बहुआयामी उपयोग से युवाओं को भविष्य निर्माण की नई दिशा देने पर आधारित अवधारणा है, जिसका मुख्य उद्देश्य जिले के युवाओं को ड्रोन तकनीक के विभिन्न उपयोगों एवं तकनीकी कौशल का आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान कर तकनीक के मुख्य धारा से जोडना है।

प्रोजेक्ट पंख के अंतर्गत ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु उच्च गुणवत्ता युक्त अत्याधुनिक सेंटर ऑफ एक्सिलेंस लैब का निर्माण किया गया है। लैब में आधुनिक ड्रोन सिम्युलेटर भी लगाये गए हैं जिसके माध्यम से विभिन्न मौसम परिस्थितियों, हवा दबाव, अलग प्रकार के ड्रोन, ड्रोन में खराबी के दौरान सॉफ्ट लैंडिंग इत्यादि परिस्थितियों में ड्रोन उड्डयन की ट्रेनिंग दी जा रही है। लैब में विभिन्न प्रकार के ड्रोन के साथ साथ ड्रोन किट्स, टूल्स व पार्टस आदि भी स्थापित किए गए हैं। नियमित क्लासरूम प्रशिक्षण के माध्यम से ड्रोन तकनीक की आधारभूत जानकारी, डीजीसीए द्वारा जारी ड्रोन रूल और दिशा निर्देशों का विस्तृत जानकारी, ड्रोन ‘असेंबली और डिस- असेंबली लेवल” का लाइव प्रैक्टिकल सेशन, एयरोडायनामिक्स एवं ड्रोन उड़ान के मूलभूत सिद्धांत, ड्रोन की बनावट एवं उसके विभिन्न पार्ट्स, ड्रोन की सरंचना, मरम्मत एवं रखरखाव का प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही साथ प्रैक्टिकल सेशन में ड्रोन उड्ड्‌यन के हेण्ड्सऑन सेशन आयोजित कराये जा रहे हैं। व्यावसायिक रूप से क्षात्रों को सक्षम बनाने के उद्देश्य से ड्रोन उद्योग की बारीकियां और रोजगार/व्यवसाय की संभावनाओं की जानकारी, डोन उद्योग के विषय विशेषज्ञों द्वारा लाइव सेशन्स व मार्गदर्शन एवं पर्सनालिटी

डेवलपमेंट सम्बंधी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है।

इस प्रोजेक्ट के तहत लगभग 500 प्रशिक्षणार्थियों को ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, ज़िले के युवाओं के इस हुनर को देख कर देश की बड़ी ड्रोन कंपनियाँ प्रशिक्षित व्यक्तियों की तलाश में ज़िले का रुख कर रही हैं। कई बड़ी ड्रोन कंपनियों द्वारा विगत दिवसों में शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज में स्थापित प्रोजेक्ट पंख केंद्र में कैंपस का आयोजन कर 44 प्रशिक्षणार्थियों को रोज़गार प्रदान किया है। चयनित बच्चों को कंपनी के ही डीजीसीए अप्रूव्ड रिमोट पायलट प्रशिक्षण संस्थान से ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त लगभग 40 छात्र ड्रोन डेस्टिनेशन कंपनी में इंटरव्यू उपरान्त नौकरी पूर्व प्रशिक्षण ले रहे हैं। कटनी के नवाचार प्रोजेक्ट पंख से प्रशिक्षण प्राप्त कर कई युवा बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, गुड़गांव में विभिन्न बड़ी कंपनियों में नौकरियां कर अपना भविष्य गढ़ रहे हैं।

उक्त प्रोजेक्ट के तहत स्व सहायता समूह (SHG) की 46 महिलाओं को भी ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है इस पहल के माध्यम से महिलाएं भी ड्रोन उड़ना सीख रही हैं। प्रोजेक्ट पंख से ड्रोन प्रशिक्षण प्राप्त करने उपरांत एक क्षात्रा का चयन भारत सरकार की स्वायत्त सहकारी संस्था इफको में महिला उद्यमी के तौर पर भी हुआ है। इस बहुआयामी नवाचार अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर महिला स्व सहायता समूह की उक्त महिलाएं किसानों के खेतों में ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया, नैनो डीएपी तथा अन्य जल विचलेय उर्वरक, फफूंद कीटनाशक आदि दवाओं का स्प्रे कर उद्यमिता अर्जित करने में सक्षम होंगी।

उक्त प्रोजेक्ट से जिले के युवाओं में ड्रोन तकनीक के प्रति जागरूकता फैल रही है एवं जिला में ड्रोन तकनीक के सम्पूर्ण ईको सिस्टम का निर्माण हो रहा है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के माध्यम सुगम हो रहे हैं। ऐसे ही उत्कृष्ट पहलों के माध्यम से हम निश्चित रूप से एक नए भारत की ओर अग्रसर हैं, जो तकनीकी उत्कृष्टता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा
है।