आष्टा /किरण रांका
श्रद्धा बन्धनों से मुक्त होती है-कैलाश परमार
वार्ड पार्षद के साथ पूर्व नपाध्यक्ष ने की देव स्थल पर पूजा
भगवान कण कण में व्याप्त है सनातन धर्म मे श्रद्धा इसी अवधारणा पर मजबूत होती है । नगर में ऐसे अनेक देव स्थल हैं जो श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र हैं । अटूट आस्था के चलते यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। नगरवासियों के साथ आज राजल देव बाबा के धाम पर आकर अपार प्रशन्नता मिली यहां निर्माणाधीन गौरी शंकर महादेव मंदिर की शुभ बेला में उपस्थित होना निश्चित ही सौभाग्य की बात है यह बात पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने वार्ड पार्षद प्रतिनिधि सुभाष नामदेव के साथ आयोजको द्वारा किये स्वागत समारोह में कही । इस अवसर पर देवस्थान के महंत तथा पडियार हेमराज मेवाड़ा तथा समिति के पदाधिकारी गण दुर्गेश विश्वकर्मा ,बाबूलाल बिल्लोरे ,पवन ठाकुर , मोंटी कौरी , रवि जैन आदि ने मोहल्ले वासियों के सहयोग से विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया । हजारों भक्तों ने देवस्थल पर पूजा अर्चना के बाद भंडारे में भोजन प्रसादी ग्रहण की ।
श्री परमार ने बताया कि चेतन्य देव स्थलों के लिए आस्था स्वतः स्फूर्त जागृत हो जाती है जिसमे सभी प्रकार के भेदभाव और जातीय अथवा सामाजिक बन्धन टूट जाते हैं ।
बताते चले कि नगर के गंज क्षेत्र में तवड़ा मोहल्ले में स्थित राजल देव बाबा के पाट पर विराजित पडियार हेमराज मेवाड़ा ने शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया तथा उनकी समस्याओं का भी धर्मोचित समाधान कर आशीर्वाद दिया । देवस्थल पर क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए विशेष पूजा की गई । पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार तथा वार्ड पार्षद सुभाष नामदेव ने साथियों सहित देवस्थल पर पूजन के बाद बाबा हेमराज मेवाड़ा का अभिनन्दन किया तथा समिति का आभार व्यक्त किया ।


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