भिंड ब्रेकिंग
विजय शर्मा पत्रकार
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लहार अनुभाग में एसडीएम विजय यादव द्वारा आये दिन लहार अनुभाग में शासकीय विधालयों का भ्रमण किया जा रहा है और वहाँ दर्ज 40 छात्र में से मिलते 05 है सरकारी स्कूलों की दशा भगवान भरोसे है इसलिए अब आखिरी सांसे भरती शिक्षा व्यवस्था में जान फूंकने का जिम्मा उठाया है लहार अनुभाग के प्राईवेट स्कूल के शिक्षा माफियाओं ने इसके लिए उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा अपने विधालय के लिए कक्षा एक से कक्षा आठवीं तक की मान्यता ले रखी है मगर शासकीय विधालय में पदस्थ शिक्षकों और उनके आला अधिकारियों के ढुलमुल रवैये से तंग आकर शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए अपने विधालय में ही कक्षा नौवीं और दसवीं कक्षाओं की कक्षाओं को विधिवत संचालित कर शिक्षा विभाग को गौरान्वित करने का यह करिश्मा कर दिखाया है
यह जानते हुए भी कि यह अवैधानिक है मगर फिर भी शिक्षा विभाग के द्वारा किसी भी कार्यवाही की परवाह न करते हुए प्रशासनिक हित शिक्षा विभाग की छवि धूमिल न हो इसके चलते विधिवत कक्षा नौवीं और दसंवी की कक्षाओं को संचालित कर रखा है
जब अवैधानिक तरीके से कक्षाओं को संचालित करने के ऐवज में उनसे उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि ऐसा जोखिम हम लहार एसडीएम विजय यादव की वजह से कर रहे हैं क्योंकि लहार अनुभाग के एसडीएम महोदय जो विधालय दर विधालय जाकर परेशान हो रहे हैं उनकी यह पीड़ा हमसे देखी नहीं गयी इसलिए हमने यह बीड़ा उठाया है ताकि वह आराम से आफिस में अन्य महत्वपूर्ण कार्यो पर अपना ध्यान केंद्रित कर सके और इन शिक्षा माफियाओं के साहसिक कदम से लहार अनुभाग के शिक्षा विभाग के आला अधिकारी भी फुले नहीं समा रहे हैं क्योंकि इसके एवज़ में मिलने वाली पर्याप्त कमीशन की राशि से वह पुर्णतः संतुष्ट है और सबसे बडी बात यह कि यह कमीशन की पर्याप्त राशि विभाग के दलाल के माध्यम से समय पर उनको प्राप्त हो जाती है
शिक्षा माफियाओं के इस ऐतिहासिक कदम की हौसला अफ़ज़ाई के लिए अब कुंठा से भरे भिंड शिक्षा अधिकारी ने भी कमर कस ली है क्योंकि कमीशन खोरी में उनका नाम न आने से वह व्यथित है
इसलिए जल्द ही दिखावे के लिए ही सही ऐसे शिक्षा माफियाओं की हौसला अफ़ज़ाई करने का निर्णय भिंड जिला शिक्षा अधिकारी ने लिया है और वह स्वयं स्कूलों में छापामार कार्यवाही कर और इन्हें चिन्हित कर समाज में उनके द्वारा किये जा रहे साहसिक कार्य के लिए पुरूस्कृत करने के विचार में है
क्योंकि सार्वजनिक रूप से शिक्षा माफियाओं को उनके समाज को दिये जा रहे योगदान को पुरूस्कृत करना विभाग का नैतिक दायित्व है
लेकिन यहाँ एक समस्या यह आ रहीं हैं जब से शिक्षा माफियाओं को पुरूस्कृत करने का निर्णय शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों द्वारा लिया गया है तब से ऐसे शासकीय और अशासकीय विधालयों के प्राचार्य और प्रबंधक दुखी है कि इस योगदान में हमारा उल्लेख नहीं किया जा रहा है क्योंकि हम लोग गोपनीय तरीके से अवैधानिक तौर पर इन कक्षा नौवीं और दंसवी के छात्रों का रिकार्ड संधारण करते हैं और इस नाते हमे भी हमारे पारितोषिक का फल पुरूस्कार होकर मिलना चाहिए और उन्होंने चेतावनी देते हुए शिक्षा विभाग तक अपनी बात पंहुचाई है कि यदि पुरूस्कृत लिस्ट में हमारा नाम नहीं होगा तो हम सडको पर उतरने के लिए मजबूर हो जायेगे जब इसकी सूचना कक्षा नौवीं और दसवीं के अध्ययन रत छात्रों को मिली है तब से वह गौरान्वित है कि अब हम उस विधालय से भी रूबरू हो सकेगे जिस विधालय ने हमारा गोदीनामा लिखा गया है क्योंकि उन्हें अब तक यह संज्ञान ही नहीं था कि जिस विधालय में हमारे प्राईवेट शिक्षा माफियाओं ने उन्हें गोद दिया है वह गोदी नामा उनके पास है ही नहीं या अभी बनना है यह तथ्य उजागर हो जायेगा
इसीलिए लहार अनुभाग की जनता की मांग है कि भिंड शिक्षा अधिकारी को सर्वप्रथम ऐसे शासकीय और अशासकीय विधालय के प्रबंधक और प्राचार्य के साथ अवैधानिक रूप से संचालित कर रहे शिक्षा माफियाओं को भी सयुक्त सार्वजनिक रूप से पुरूस्कार करना चाहिए जो लहार क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बढवाने के कक्षा नौवीं और दसवीं की कक्षाओं को बिना मान्यता प्राप्त करवाये विधिवत संचालित करवा रहे क्योंकि यही लोग वास्तव में पुरूस्कृत होने के असली हकदार है और वह समाज के असली शिक्षा योद्धा है
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