आष्टा-:
निरन्तर सक्रियता से ही जीवन सफल बनता है*
– *कैलाश परमार*
*उपाध्याय दम्पति श्रेष्ठ उदाहरण*
इस जीवन का ध्येय नही है श्रांत भवन में टिक रहना किंतु पहुँचना उस सीमा तक जिसके आगे राह नही है । जीवन के हर मोड़ पर ये पंक्तियां हमे प्रेरणा देती हैं । शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाऐं दे कर बेशक आप शासकीय सेवा से निवृत्त हो रहे हैं लेकिन समाज सेवा से अन्तिम क्षण तक निवृत्ति नही मिलती । परवर्ती जीवन मे समाज और धर्म के लिए सक्रिय रहना भी चाहिए ।
हमे यह प्रशन्नता है कि आपने अपनी पत्नी के साथ अखण्ड ब्राह्मण समाज के लिये काम किया वही समाज के सभी जरूरतमंद लोगों के लिए उनके सेवा कार्यों में लगातार सहयोग किया । हर दम्पति का सपना होता है कि वह अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों की पूर्ति करते हुए बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाएं । यह प्रशन्नता की बात है कि आपके बच्चे भी सोश्यल मीडिया पर संदेश परक वीडियो के माध्यम से स्टार का दर्जा प्राप्त कर चुके हैं ।
यह बात पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने शिक्षक एवं उत्कृष्ट समाज सेवी गणेश प्रसाद उपाध्याय के सेवा निवृत्ति पर आयोजित समारोह में नगर की शिक्षा हस्तियों , गणमान्य नागरिकों एवम साहित्य तथा समाजसेवा से जुड़े लोगों के बीच कहीं ।
कैलाश परमार ने राष्ट्रीय स्तर पर ब्राह्मण समाज की पदाधिकारी श्रीमती विजय लक्ष्मी गणेश उपाध्याय के सेवा कार्यो की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि इस दम्पति के सेवा कार्यों का लाभ हमे और भी ज्यादा सक्रियता से देखने को मिलेगा । कार्यक्रम में समाज सेवी बाबूलाल सिसोदिया , कैलाश अजनोदिया , जहूर मंसूरी , बाबू मालवीय ,सैयद अबरार , सोहन श्रीवास्तव सहित नगर के प्रबुद्धजन ने शैक्षणिक सेवा काल मे गणेश उपाध्याय के अनुशासित और प्रतिबद्ध कार्यो की प्रशंसा कर उनके स्वस्थ एवं सक्रिय जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं ।
निवृत्ति समारोह का संचालन शिक्षाविद सुदीप जायसवाल ने किया ।
आष्टा से किरन रांका की रिपोर्ट
More Stories
नपाध्यक्ष हेमकुंवर मेवाड़ा ने सौंपे हितग्राहियों को संबल अनुग्रह सहायता राशि के स्वीकृति पत्र
दक्षिण पन्ना वन विभाग का ग्राम विकास में अभिनव प्रयास : सौर ऊर्जा से रोशन हुए 10 गाँव
आष्टा जूनियर त्रिकोणीय सीरीज लेदर बॉल क्रिकेट का हुआ समापन