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Dharmendra Singh

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सच दिखाने की हिम्मत

एनडीपीएस एक्ट के अपराधों में विवेचना का स्तर उत्कृष्ट करने के लिये ग्वालियर जिले के पुलिस अधिकारियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला

ग्वालियर। 19.10.2024। आज पुलिस कंट्रोल रूम सभागार ग्वालियर में जिले के पुलिस अधिकारियों के लिये ‘‘एनडीपीएस एक्ट के अपराधों में गुणात्मक अनुसंधान’’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला के प्रथम सत्र में माननीय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट ग्वालियर एवं एडीपीओ श्री संतोष शर्मा व एडीपीओ श्री एम.एल. गुप्ता द्वारा ग्वालियर जिले के थानों से आए लगभग 75 विवेचना अधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट की विवेचना की बारीकियों से अवगत कराया गया। तदुपरान्त द्वितीय सत्र में श्री धर्मेन्द्र कुमार शर्मा, एजीपी, एनडीपीएस एक्ट ग्वालियर द्वारा भी एनडीपीएस के प्रकरणों की विवेचना प्रक्रियात्मक त्रुटि रहित होने के संबंध में जानकारी दी गई। इस अवसर पर कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह,भापुसे, अति. पुलिस अधीक्षक शहर(पश्चिम) श्री गजेन्द्र सिंह वर्धमान, रक्षित निरीक्षक ग्वालियर रणजीत सिंह, सूबेदार अनुपम भदौरिया, सूबेदार आयुष मिश्रा सहित ग्वालियर जिले के थानों से आए विवेचना अधिकारी उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम अति. पुलिस अधीक्षक शहर(पश्चिम) श्री गजेन्द्र सिंह वर्धमान द्वारा उपस्थित अतिथियों को भी पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। उसके बाद प्रशिक्षण कार्यशाला में माननीय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट ग्वालियर एवं एडीपीओ श्री संतोष शर्मा तथा एडीपीओ श्री एम.एल. गुप्ता द्वारा उपस्थित पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस प्रकरणों में गुणात्मक सुधार हेतु आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की रूपरेखा से अवगत कराया। इस अवसर पर उन्होने उपस्थित पुलिस अधिकारियों से कहा कि यह एक गंभीर विषय है और वर्तमान समय में पुलिस को तकनीकी रूप से दक्ष होने के साथ ही नवीन कानूनी प्रावधानों की भी जानकारी होना आवश्यक है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों द्वारा पुलिस अधिकारियों को बताया गया कि एनडीपीएस एक्ट के प्रकरणों की विवेचना काफी गंभीरता से करनी चाहिए क्योंकि कभी-कभी विवेचक द्वारा की गई एक छोटी सी चूक के कारण आरोपी न्यायालय से बरी हो जाता है। इसका प्रमुख कारण अनुसंधान के दौरान विवेचना का स्तर कमजोर होना होता है। इसलिए प्रत्येक पुलिस अधिकारी को एनडीपीएस प्रकरण की विवेचना करते समय उसका स्तर उच्च रखना चाहिए साथ ही सुपरविजन अधिकारियों को भी यह ध्यान रखना चाहिये कि विवेचना अधिकारी द्वारा प्रकरण में किसी प्रकार की कोई कमी तो नही छोड़ी है। प्रशिक्षण में बताया गया कि माननीय उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों अनुसार एनडीपीएस में ड्रग को जप्त करने के बाद किस प्रकार से ड्रग की पैकिंग और सैंपलिंग करना है इसकी प्रक्रिया का पूर्णतः पालन किया जाना चाहिए और पुलिस अधिकारी को एनडीपीएस एक्ट की विवेचना के दौरान दो ही चीजों पर फोकस करना चाहिए सर्च और सीजर।

प्रशिक्षण कार्यशाला के द्वितीय सत्र में श्री धर्मेन्द्र कुमार शर्मा,एजीपी ग्वालियर द्वारा उपस्थित पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट की सभी धाराओं पर किस प्रकार प्रभावी कार्यवाही की जावे इस पर दिशा-निर्देश के अनुरूप कार्यवाही की प्रक्रिया को स्पष्ट किया और एनडीपीएस की विवेचना में मैदानी स्तर पर होने वाली परेशानियों से अवगत कराते हुए प्रक्रिया का पालन किस प्रकार किया जावे इस विषय पर विधि विशेषज्ञ द्वारा एन.डी.पी.एस. एक्ट की धाराओं की विस्तृत व्याख्या करते हुए की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में समाधान किया।

पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह,भापुसे ने कार्यक्रम के अंत में अपने उद्बोधन में कहा कि समाज में अपराध बढ़ने का सबसे महत्वपूर्ण कारण नशा है, किसी भी अपराध में नशा किये हुए व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध सामान्य से ज्यादा गंभीर होता है। समाज में अपराध को कम करने के लिए सबसे प्रभावी एजेंसी पुलिस है, इसलिए हम सभी को नशे पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध होना पड़ेगा। हमारी एनडीपीएस की कार्यवाही ऐसी हो कि अपराधी दोष मुक्त न हो। उन्होने एक दिवसीय कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताते हुए उपस्थित पुलिस अधिकारियों से कहा कि इससे प्राप्त जानकारी से भविष्य में एन.डी.पी.एस. की कार्यवाही में दोष सिद्धियों में बेहतर परिणाम आयेंगे ऐसा मुझेे विश्वास है। उन्होने उपस्थित पुलिस अधिकारियों से विवेचना के दौरान आने वाली समस्याओं के संबंध में उपस्थित पुलिस अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। अंत में उन्होने कार्यशाला में प्रशिक्षण देने हेतु आये विधि विशेषज्ञों को पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।