Chief Editor

Dharmendra Singh

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June 18, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

मेधावी विद्यार्थी अब बिना किसी वित्तीय बाधा के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ सकेंगे
भारत सरकार ने शुरू की पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना
गिरवी मुक्त और बिना गारंटी के विद्यार्थियों को मिलेगा उच्च शिक्षा के लिये ऋण, ब्याज में भी मिलेगी छूट
देश के शीर्ष 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थी ले सकेंगे प्रवेश
पूरी तरह से डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से सुलभ कराया जायेगा शिक्षा ऋण
ग्वालियर 07 नवम्बर 2024/ देश के जाने-माने उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिये पढ़ाई की राह आसान हो गई है। भारत सरकार द्वारा एक नई योजना पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की है। विद्यार्थी इस योजना के तहत बैंकों के माध्यम से गिरवी मुक्त और बिना गारंटी के शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना का उद्देश्य है कि मेधावी विद्यार्थी बिना किसी वित्तीय बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। देश के शीर्ष 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थानों में मेधावी विद्यार्थी इस योजना के माध्यम से प्रवेश ले सकेंगे।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत सार्वजनिक और निजी, दोनों प्रकार के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में विभिन्न उपायों के माध्यम से मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान (क्यूएचईआई) में प्रवेश लेने वाला कोई भी विद्यार्थी ट्यूशन फीस की पूरी राशि और पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य खर्चों को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से गिरवी मुक्त एवं गारंटर मुक्त ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। यह योजना एक सरल, पारदर्शी एवं विद्यार्थियों के अनुकूल प्रणाली के माध्यम से संचालित की जाएगी, जो अंतर- संचालनीय और पूरी तरह से डिजिटल होगी।
यह योजना एनआईआरएफ रैंकिंग द्वारा निर्धारित देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होगी। इस योजना में एनआईआरएफ के समग्र, श्रेणी-विशिष्ट और डोमेन -विशिष्ट रैंकिंग में शीर्ष 100 में स्थान रखने वाले सभी एचईआई, सरकारी एवं निजी उच्च शिक्षा संस्थान शामिल हैं। एनआईआरएफ रैंकिंग में 101-200 में स्थान रखने वाले राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) और केन्द्र सरकार द्वारा प्रशासित सभी संस्थानों को इसमें शामिल किया गया है। इस सूची को एनआईआरएफ के नवीनतम रैंकिंग का उपयोग करके हर वर्ष अद्यतन किया जाएगा और शुरुआत 860 योग्य क्यूएचईआई से होगी, जिसमें देश के 22 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे जो अपनी इच्छानुसार संभावित रूप से पीएम-विद्यालक्ष्मी का लाभ उठा सकेंगे।
कुल 7.5 लाख रुपये तक की ऋण राशि पर सरकार द्वारा 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी प्रदान की जायेगी। इससे बैंकों को इस योजना के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।
इसके अलावा जिन विद्यार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और वे किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजनाओं के तहत लाभ के पात्र नहीं हैं, उन्हें 10 लाख रुपये तक के ऋण पर अधिस्थगन अवधि के दौरान 3 प्रतिशत की ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी।
यह योजना उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही पीएम-यूएसपी की दो घटक योजनाओं, केन्द्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी (सीएसआईएस) और शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल) की पूरक होगी। पीएम-यूएसपी सीएसआईएस के तहत, 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले और स्वीकृत संस्थानों में तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण के लिए अधिस्थगन अवधि के दौरान पूर्ण ब्याज छूट मिलती है। इस प्रकार, पीएम विद्यालक्ष्मी और पीएम-यूएसपी मिलकर सभी योग्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एचईआई में उच्च शिक्षा और स्वीकृत एचईआई में तकनीकी/व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए समग्र सहायता प्रदान करेंगी।
पोर्टल के माध्यम से कर सकेंगे आवेदन
उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक एकीकृत पोर्टल “पीएम-विद्यालक्ष्मी” उपलब्ध होगा, जिस पर विद्यार्थी सभी बैंकों द्वारा उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज छूट के लिए आवेदन कर सकेंगे। ब्याज छूट का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा।